"गौसेवा से आमजन की सेवा तक: श्रीनगर की समिति बदल रही है समाज सेवा की तस्वीर"।

"गौसेवा से आमजन की सेवा तक: श्रीनगर की समिति बदल रही है समाज सेवा की तस्वीर"।

श्रीनगर गढ़वाल(अंकित उनियाल)

जहाँ एक ओर आधुनिक समय में समाज केवल अपने स्वार्थ तक सीमित होता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल में एक छोटी-सी लेकिन प्रभावशाली पहल समाज के लिए एक नई दिशा दिखा रही है। यह पहल है — गौसेवा संवर्धन समिति, जो निःस्वार्थ भाव से दिन-रात मूक प्राणियों, निराश्रित एवं घायल गौवंशों के साथ-साथ ज़रूरतमंद मानव सेवा में भी निरंतर कार्यरत है।

इस समिति की विशेषता यह है कि इसमें छोटे बच्चों से लेकर श्रीनगर के प्रतिष्ठित नागरिक तक शामिल हैं। समिति समाज के हर वर्ग के लिए कार्य करती है — फिर चाहे बात हार्टअटैक के शिकार किसी व्यक्ति की मदद की हो, सड़क दुर्घटना में घायल को राहत पहुँचाने की, या रक्तदान जैसे मानवीय कार्यों की।

इतना ही नहीं, समिति के सदस्य प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान में भी सक्रिय सहयोग कर रहे हैं। हाल ही की एक घटना इसका स्पष्ट उदाहरण है: श्रीनगर में चारधाम यात्रा के दौरान केदारनाथ की ओर जा रही बस (नं. UK14PA 1444) के यात्रियों द्वारा सड़क पर फलों के छिलके फेंके गए। समिति के सदस्यों ने न सिर्फ स्वयं उन छिलकों को उठाया, बल्कि यात्रियों से भी अपील की कि दोबारा ऐसी गलती न करें। उन्होंने यह समझाया कि इस प्रकार की लापरवाही से दोपहिया वाहन फिसल सकते हैं या गौवंश उन्हें खाने की कोशिश में चोटिल हो सकते हैं।

समिति के कार्यों से यह स्पष्ट है कि यदि इच्छाशक्ति हो तो एक छोटा प्रयास भी समाज में बड़ा बदलाव ला सकता है। श्रीनगर गढ़वाल की यह पहल वाकई पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है।