अटल सामुदायिक भवन बिलौजी में विक्रमोत्सव का आयोजनःसूर्य उपासना और ब्रह्म ध्वज की हुई, स्थापना सुनील रावत एवं उनके दल के द्वारा सम्राट विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित नाटक का किया गया मंचन

अटल सामुदायिक भवन बिलौजी  में विक्रमोत्सव का आयोजनःसूर्य उपासना और ब्रह्म ध्वज की हुई, स्थापना सुनील रावत एवं उनके दल के द्वारा  सम्राट विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित नाटक का  किया गया मंचन

निष्पक्ष जान अवलोकन सोनू वर्मा! सिंगरौली / मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार जिले के अटल सामुदायिक भवन बिलौजी मे राज्यमंत्री पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती राधा सिंह के मुख्य अतिथि में एवं सिंगरौली विधानसभा के विधायक श्री राम निवास शाह, देवसर विधानसभा के विधायक श्री राजेन्द्र मेश्राम, कलेक्टर श्री चन्द्र शेखर शुक्ला, प्राधिकरण अध्यक्ष दिलीप शाह, नगर निगम अध्यक्ष देवेश पाण्डेय, भाजपा जिलाध्यक्ष सुन्दर लाल शाह के गरिमामय उपस्थिति में अटल सामुदायिक भवन बिलौजी में विक्रमोत्सव का आयोजनःसूर्य उपासना और ब्रह्म ध्वज की हुई, स्थापना समारोह का आयोजन सम्पन्न हुआ। उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुयें राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह ने नव वर्ष की हार्दिक शुभकामना देते हुयें कहा कि भारत के इतिहास में सम्राट विक्रमादित्य का नाम स्वर्ण अंक्षरो में लिखा गया है। सम्राट विक्रमादित्य पराक्रमी एवं न्यायप्रिय शासक से थे। उनके नाम पर भी ही विक्रम संवत का प्रचलन हुआ जो आज भी भारतीय पंचाग का एक प्रमुख संवत है। संम्राट विक्रमादित्य के शासन की प्रसंशा केवल भारत में ही नही विदेशी ग्राथो में मिलती है। संम्राट विक्रमादित्य एक शासक ही नही अपुति भारतीय संस्कृति के प्रतीक थे। भारत वर्ष में विक्रमादित्य युग परिर्वतन और नव जागरण की एक महत्वपूर्ण धूरी रहे है और उनके द्वारा प्रवर्तित विक्रम संवत हमारी मूल्यवान धरोहर है। राज्यमंत्री श्रीमती सिंह ने कहाकि उज्जैन में कर्क रेखा पर स्थित प्राचीन धर्मस्थल हजारो वर्षो से काल गणना का मुख्य केन्द्र रहा हैं। विधायक सिंगरौली श्री शाह ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में अपनी हार्दिक शुभकामना देते हुऐं कहा कि आज भारत का नव वर्ष विक्रम संवत का शुभारंभ हो रहा हैं। नवरात्रि के पावन पर्व पर मै अपने देश प्रदेश एवं अपने जिले के विकास एवं समृद्धि की कामना करता हू। उन्होंने कहा कि भारत का राष्ट्रीय प्रतीक सम्राट विक्रमादित्य से बड़कर कोई और नही हो सकता जिसे लोग सहस्त्र्राब्दियो से सब एक मत से भारत का राष्ट्र नायक मानते रहे हैं। विक्रम युग की महिमा इस तथ्य से ज्ञात होती है कि भारत में महापुरूषो के अनुआयियों में श्रद्धावंश चलाए लेकिन आज भी भारत और साथ ही नेपाल का सर्वमान्य संवत विक्रम संवत ही है।उन्होंने कहा कि विक्रम संवत हमारे धार्मिक संस्कारो को दर्शाता है जीवन से लेकर मरण तक की सभी क्रियाओं का उल्लेख इसीसे निर्धारित किया जाता हैं विक्रम संवत से हमारे त्योहारो एवं विवाह की तिथिया भी निर्धारित की जाती है। सम्राट विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित नाटक का किया गया मंचनः- कार्यक्रम के दौरान उज्जैयनी के प्रतापी राजा विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित सास्कृतिक विभाग के द्वारा चयनित किए गए सुनील रावत एवं साथी कालाकारो के द्वारा अपनी प्रस्तुतिया देकर उपस्थित जन समूह को मनमुग्ध किया। उपस्थित जन मानस के द्वारा कलाकरो के द्वारा प्रस्तुत नाट्य का अपने तालियों के माध्यम से जोरदार ढंग से उत्साह वर्धन किया गया। कार्यक्रम के दौरान जिले के कलाकार बिमल म्युजिकल ग्रुप के द्वारा भी नवरात्रि के पावन पर्व पर देवी गीत की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के दौरान महराज विक्रमादित्य शोधपीठ स्वराज्य संस्थान संचालनालय सास्कृतिक विभाग द्वारा प्रकाशित भारत का नव वर्ष विक्रम संवत पुस्तिका का वितरण किया गया। कार्यक्रम के अंत में सुनील रावत एवं उनके साथी कालाकारो को उपस्थित अतिथियों द्वारा शाल एवं श्रीफल प्रदान कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मॉ सरास्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन एवं ज्योतिषविद पं. डॉ. एनपी मिश्रा के द्वारा प्रस्तुत देवी वंदना गीत के साथ किया गया। इस अवसर पर अपर कलेक्टर पी.के सेन गुप्ता, संयुक्त कलेक्टर संजीव पाण्डेंय, पार्षद संतोष शाह, राम नरेश शाह, जिला शिक्षा अधिकारी एस.बी सिंह, डीपीसी आर.एल शुक्ला, नगर निगम के उपायुक्त आरपी बैस, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विनोद चौरसिया, जन अभियान परिषद के समन्वयक राजकुमार विश्वकर्मा सहित अधिकारी गण एवं जन मानस उपस्थित रहें।