मनरेगा में फर्जीवाड़ा जारी जिम्मेदार बेपरवाह चतुर नगर की सच्चाई उजागर

मनरेगा में फर्जीवाड़ा जारी जिम्मेदार बेपरवाह चतुर नगर की सच्चाई  उजागर

निष्पक्ष जन अवलोकन। जिला संवाददाता रोबिना खातून जनपद बलरामपुर के विकासखंड गैसड़ी अंतर्गत ग्राम पंचायत चतुर नगर से लगातार मनरेगा कार्यों में अनियमितता की खबरें सामने आ रही हैं। 26 जून, 8 जुलाई और 25 जुलाई को निष्पक्ष जन अवलोकन द्वारा प्रकाशित खबरों के बावजूद संबंधित विभाग के अधिकारियों पर कोई असर नहीं पड़ा है। लगता है मानो जनहित की खबरें उनके कानों तक पहुंच ही नहीं रही हैं, या फिर जानबूझकर अनदेखी की जा रही है। बीते 29 जुलाई को निष्पक्ष जन अवलोकन की टीम ने पुनः कार्यस्थल का निरीक्षण किया, जहाँ मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य किए जाने की जानकारी दर्ज थी। लेकिन मौके पर एक भी मजदूर मौजूद नहीं मिला। दो मास्टर रोल पर कुल 18 मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज दिखाई गई, जो अपने आप में बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा करता है। जब टीम ने सच्चाई जानने के लिए संबंधित विकासखंड के जिम्मेदार अधिकारियों से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया, तो उन्होंने कॉल रिसीव करना भी उचित नहीं समझा। यह रवैया न सिर्फ उनके कर्तव्य के प्रति उदासीनता को दर्शाता है, बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करता है। ग्रामीणों ने पहले भी कई बार शिकायत की है कि मजदूरों की उपस्थिति सिर्फ कागजों तक सीमित रहती है, जबकि असल में उन्हें न तो काम दिया जाता है और न ही मजदूरी का भुगतान समय पर होता है। इस प्रकार योजनाएं सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी बन कर रह गई हैं। यह हाल तब है जब शासन-प्रशासन पारदर्शिता और जवाबदेही के नाम पर करोड़ों रुपये की योजनाएं चला रहा है। यदि समय रहते इस तरह की अनियमितताओं पर कार्रवाई नहीं की गई, तो मनरेगा जैसी गरीबों की सहारा योजना भ्रष्टाचार की बलि चढ़ जाएगी। अब सवाल यह है कि इतनी स्पष्ट अनियमितताओं के बावजूद भी जब जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं, तो आमजन किससे उम्मीद करें? निष्पक्ष जन अवलोकन मांग करता है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक पात्रों तक पहुंचे।