मलीन बस्ती गुटैया बाग के बाल्मीकि मंदिर पर राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम

निष्पक्ष जन अवलोकन।
रोहित मिश्रा जिला ब्यूरो लखीमपुर खीरी
मलीन बस्ती गुटैया बाग के बाल्मीकि मंदिर पर राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर हुआ जागरूकता कार्यक्रम
लखीमपुर-खीरी। राष्ट्रीय डेंगू दिवस' (National Dengue Day) का आयोजन आज दिनांक 16 मई 2025 को शहरी क्षेत्र के मलीन बस्ती गुटैया बाग के बाल्मीकि मंदिर में स्वास्थ्य विभाग एव नगर पाहिका परिषद के संयुक्त रूप से किया गया। गोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डा संतोष गुप्ता, एसीएमओ डा रवि मोहन गुप्ता, संयुक्त जिलाधिकारी मनीषा धारवे, अधिशाषी अधिकारी संजय कुमार, जिला मलेरिया अधिकारी हरिशंकर, वरिष्ठ सफाई नायक विकास शुक्ला वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक दावा लामा के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग एवं नगर पालिका परिषद के कर्मवारी एवं जनमानस उपस्थित रहें। 'राष्ट्रीय डेंगू दिवस दिवस मनाये जाने का मुख्य उदेश्य डेंगू के बारे में जनसमुदाय को जागरूक करना एवं इससे बचाव के उपाय बताना है।
गोष्ठी में उपस्थित गणमान्य अधिकारियो द्वारा 10 वे 'राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाये जानेके विषय में विस्तार के चर्चा किया गया एवं अवगत कराया गया कि डेंगू एक प्रकार का वायरल बुखार है, जिसका वाहक एडिज एजिप्टाई प्रजाति का मच्छर है। एडीज मच्छर घर के अन्दर व आस पास साफ पानी मे पनपता है तथा ज्यादातर दिन में मनुष्य को काटता है इस बीमारी का प्रसार वर्षा ऋतु में अधिक होता है। इसके लक्षण बुखार, सरदर्द, आखो में दर्द, जोड़ो में दर्द, त्वचा पर चकत्ते व उल्टी है। डेंगू बुखार की तीन स्थितियां होती हैं जो कमशः डेंगू क्लासिकल फीवर, डेंगू हीमोरेजिक फीवर व डेंगू शाक सिन्ड्रोन है। क्लासिकल फीवर सामान्य होता है कुछ नरीजों में डेंगू हीमोरेजिक फीवर असामान्य स्थिति में पहुंच जाता है तथा डेंगू शाक सिन्ड्रोम में ब्लड प्रेशर अत्यन्त कम हो जाता है तथा व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा डेंगू से बचाव एवं रोकथाम हेतु वर्ष 2016 से प्रति वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाता है।
जनमानस को जागरूक करने हेतु अधोलिखित बिन्दुओ पर हुई चर्चा
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि स्वास्थ्य कर्मी/नगर पालिका परिषद/आशा द्वारा में मच्छर जनित परिस्थित्तिया समाप्त करने हेतु जनमानस को प्रेरित करेंगे। जल संग्रहण के पात्रों में एडीज मच्छर की उत्पत्ति रोकने हेतु सप्ताह में एक बार पात्रों को खाली कराया जाये, "हर रविवार, मच्छर पर वार लार्वा पर प्रहार" के रूप में मनाया जाय। डेंगू नियन्त्रण हेतु जन-जागरूकता के लिये रैली, बैठकें व कार्यशाला आदि आयोजित कराया जाये।एसएमएस सन्देश व सोशल मीडिया पर डेंगू रोग नियन्त्रण हेतु सन्देश प्रसारित किये जाये। स्थानीय निकायों से सम्पर्क कर कचरा वाहन में डेंगू नियन्त्रण हेतु ऑडियों सन्देश का प्रसार कराया जाए। किसी भी राजकीय परिसर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न ना हो यदि ऐसी स्थिति है, तो तुरन्त जल निकासी की व्यवस्था करें। डेंगू बुखार के लक्षण दिखने पर निकट के जिला चिकित्सालय पर जाँच करायें, एण्टीबायोटिक दवाओं, का सेवन करने से बचें, प्रशिक्षित चिकित्सको के निदेशानुसार दवाओ का सेवन किया जायें। पैरासिटामॉल टैबलेट एवं तरल पदार्थ (नारियल पानी, फलो का जूस इत्यादि) का उपयोग करने हेतु प्रचार-प्रसार कराया जाय। डेंगू मरीजो हेतु डेंगू वार्ड के अन्तर्गत प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 05 बेड एवं जिला चिकित्सालय पर 10 बेड आरक्षित है। रोगियों को उपचार केन्द्र पहुंचाने हेतु एम्बूलेस 102 एवं 108 की सुबिधा है। डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगो से सम्बन्धित जाँचे एवं उपचार समस्त सामु०स्वा० केन्द्रो एवं जिला चिकित्साय में पूर्णतः निशुल्क उपलब्ध है। अन्त में उपस्थित समस्त गणमान्य अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जनमानस द्वारा डेंगू रोग नियंत्रण हेतु शपथ लिया गया।