जिला कारागार चित्रकूट, जेल लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। राकेश कुमार त्रिपाठी

जिला कारागार चित्रकूट, जेल लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। राकेश कुमार त्रिपाठी

निष्पक्ष जन अवलोकन। । शिवसंपत करवरिया। चित्रकूट ।उ०प्र०राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ से प्राप्त एक्शन प्लान के अनुक्रम एवं राकेश कुमार त्रिपाठी, अध्यक्ष/जिला जज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चित्रकूट के मार्गदर्शन में वर्णिका शुक्ला, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चित्रकूट के द्वारा आज दिनांक 10.07.2025 को जिला कारागार चित्रकूट, जेल लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। महिला बैरक का निरीक्षण किया गया । उक्त बैरक में 14 सिद्धदोष महिला बन्दी एवं 15 विचाराधीन महिला बन्दी निरूद्ध पायी गयी। उक्त निरूद्ध महिला बन्दीगण में से एक सिद्धदोष महिला बन्दी 70 वर्ष से अधिक उम्र की है। एवं महिलाओं के साथ 03 बच्चे पाये गये। निरूद्ध महिला बन्दियों को निःशुल्क अधिवक्ता, जेल अपील के बारे में वार्ता की गयी। यह भी बताया गया कि किसी बन्दी को किसी भी प्रकार की समस्या हो तो जिलाकारागार चित्रकूट में संचालित लीगल एड क्लीनिक में कार्यरत अधिकार मित्र को अवगत कराकर अपनी समस्या के समाधान हेतु जेल अधीक्षक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को अवगत करा सकते हैं। जेल लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण किया गया। जिसमें अनुरक्षित पंजिकाओं को देखा गया। जिसमें विधिक सहायता प्राप्त करने वाले बन्दियों का विवरण उचित रूप से जेल अधिकारमित्रों द्वारा अंकन किया गया। जिसमें अन्तिम प्रवृष्टि दिनांक 30.06.2025 की पायी गयी, अद्यतन प्रवृष्टि अंकित नहीं है। इस सम्बन्ध में अधीक्षक जिलाकारागार को निर्देशित किया गया कि उक्त पंजिका में सम्पूर्ण प्रवृष्टि अद्यतन कराना सुनिश्चित करें। इस अवसर पर कुश कुमार सिंह अधीक्षक जिला कारागार चित्रकूट, सुनील कुमार वर्मा जेलर, डिप्टी जेलर रजनीश कुमार सिंह, कौशलेन्द्र मिश्रा, प्रमोद कुमार कनौजिया, बृजकिशोरी, व अन्य जेल सुरक्षा कर्मी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चित्रकूट द्वारा बताया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पूरे राष्ट्र में मध्यस्थता अभियान दिनांक 01.07.2025 से 30.09.2025 तक संचालित किया जा रहा है जिसमें छोटे-छोटे मामले, जो वैवाहिक प्रकृति, घरेलू हिंसा, चेक बाउन्स, भरण पोषण, आदि से सम्बन्धित हो को, आपसी सुलह के आधार पर निस्तारित किये जायेंगें। यदि कोई बिचाराधीन बन्दी अपने एेसे मामलों का सुलह के आधार पर समझौता कराना चाहते हैं तो लीगल एड क्लीनिक के माध्यम से प्रार्थना पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रेषित कर सकते हैं।