गुनगुन की गूंज — ऑपरेशन सिंदूर पर एक कविता (PM श्री जीजीआईसी पौड़ी की उभरती आवाज)

गुनगुन की गूंज — ऑपरेशन सिंदूर पर एक कविता (PM श्री जीजीआईसी पौड़ी की उभरती आवाज)

पौड़ी गढ़वाल (अंकित उनियाल)

पौड़ी की वादियों में एक नाम चमका गुनगुन वासुदा — नई उम्मीदों का दीप जला। कक्षा ग्यारह की ये नन्ही सी किरण,बोलती नहीं, विचारों से करती है रण।"ऑपरेशन सिंदूर" पर जब कलम उठाई,शब्दों में देशभक्ति की खुशबू समाई।वीरों की गाथा जब स्वर में पिरोई,सुनने वाले की आंखों में नमी भी रोई। PM श्री GGIC का है ये गर्व,जहाँ से निकल रही है प्रतिभा की लहर।एक नया चेहरा, नई सोच की मिसाल,गुनगुन बना रही है पहचान विशाल।नारी शक्ति का वह सुंदर प्रतीक,गर्व से गूंजे पौड़ी की हर एक चीख।भविष्य की वह रौशनी बनकर,लिख रही है इतिहास कलम पकड़ कर।

(गुनगुन वसुधा की ऑपरेशन सिंदूर पर कविता)

बाण का जवाब दिया जायेगा कृपाण से,

एक से नहीं हर एक को मारा कई ,

गोलियों की बौछार से

जवाब एक से नहीं, दिया जायेगा 

कई हज़ार से,

बदला पूरा होगा उस वक्ष का

जो भुना हुआ था,हर एक 

दुखदेय वार से।

हर इलतिफात पर अपने सजातीय की,

हिंदुस्तानियों ने अब तक ,

सिर्फ मरहम था लगाया,

जब गोलियों की बौछार ने करोड़ों,

दिलाें को दहला दिया,

हर वक्ष लूह से लाल कर दिया,

तब , भारतीयों ने *ऑपरेशन सिंदूर* अपनाया ।

इस उद्देश्य में हर शाहिद का बदला हुआ पूरा, और हुआ इंसाफ

हर खून का जो रह गया था अधूरा।

हर बार चुप रहना या 

उपेक्षित करना ,हर वार का जवाब नहीं होता,

जवाब देना भी जरूरी है क्योंकि,

हर फौजी का परिवार 

अपने फौजी को दफ़न करता है जो,

देश के लिए है सोता।

चीखते–बिलखते शोर ने जब,

हर परिवार में गुहार लगाई

हर खून का जवाब दिया जायेगा कैसे,

नेताओं ने अपनी उक्ति में बताई,

प्रचंड रूप धर अब

ऑपरेशन सिंदूर अपनाया,

लाल खून का उत्तर अब 

सिंदूर की हर चुटकी में पाया।

*प्रचंड रूप धर अब भारतीयों ने

क्रोध में आकर ऑपरेशन सिंदूर अपनाया

लाल खून का जवाब अब सिंदूर की हर चुटकी में पाया*