भागवत कथा के तीसरे दिन मथुरा से पधारे भागवत भूषण विश्व चैतन्य महाराज ने कहा की भागवत भगवान का ही स्वरुप

निष्पक्ष जन अवलोकन
ब्यूरो चंद्रपाल सिंह
बुलंदशहर उत्तर प्रदेश
बुलंदशहर /नहर स्थित गुरु कार्शनीय कलाप आश्रम पर भागवत कथा के तीसरे दिन मथुरा से पधारे भागवत भूषण विश्व चैतन्य महाराज ने कहा की भागवत भगवान का ही स्वरुप हैं आज की कथा मे धूर्व चरित्र सती चरित्र सुकदेव जी आगमन आदि कथाओ का वर्णन किया गया धुर्व चरित्र का वर्णन करते हुए कहा की भक्त धुर्व 5 वर्ष की उम्र मे ही भगवत प्राप्ति के लिए जंगल मे निकल गए भक्ति मे अनेक कष्टो का सामना करना पढ़ा किन्तु भगवत प्राप्ति की लग्न मे वह अपने धेय मे टिके रहे और भगवान ने उन्होंने स्वयं आकर दर्शन दिए तथा तथा उनकी भक्ति को स्वीकार किया धूर्व की भक्ति की अमर हो गई आज की भव्य कथा मे मधु बाधवा बीना शर्मा नीलम शर्मा मोनिका मित्तल सतोष शुक्ला रवि कुमार रामेश्वर महेशवरी सहित अनेक भक्तो ने भाग लिया