अव्यवस्थाओं की शिकायतों पर सीएचसी का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षक, स्टाफ का स्पष्टीकरण तलब

अव्यवस्थाओं की शिकायतों पर सीएचसी का जिलाधिकारी ने किया औचक निरीक्षक, स्टाफ का स्पष्टीकरण तलब

निष्पक्ष जन अवलोकन। अखिलेश कुमार

 ललितपुर।

 सीएचसी बिरधा में जिलाधिकारी अमनदीप डुली के औचक निरीक्षण से मचा हड़कंप

चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं की शिकायतों का संज्ञान लेकर अवकाश के दिन मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी

*चिकित्सकों व स्टाफ की अनुपस्थिति पर चिकित्सा अधीक्षक को लगाई कड़ी फटकार*

*अनुपस्थित चिकित्सकों को लगाई कड़ी फटकार, स्टाफ का स्पष्टीकरण किया तलब*

चिकित्सालय का साप्ताहिक पर्यवेक्षक कराकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने हेतु एसडीएम सदर को दी जिम्मेदारी

*मौके पर स्थानीय लोगों की शिकायतों का लिया संज्ञान, कल सोमवार से चिकित्सालय में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने का दिलाया भरोसा* -----------------------------------------------------

 ललितपुर। विगत कई दिनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरधा में अव्यवस्थाओं की शिकायतें विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हो रही थीं, जिनका संज्ञान लेते हुए जिला मजिस्ट्रेट अमनदीप डुली ने उप जिला मजिस्ट्रेट ललितपुर मनीष कुमार के साथ रविवार को सायं 4:30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरधा का औचक निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय में काफी अनियमितताएं पाई गई, जिस पर संबंधित चिकित्सकों को कड़ी फटकार लगाते हुए आज ही कमियां दूर कराकर अवगत कराने के निर्देश दिए गए, साथ ही उप जिला मजिस्ट्रेट को साप्ताहिक तौर पर चिकित्सालय का पर्यवेक्षण कराकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित क्षेत्रीय लोगों को आश्वस्त किया कि कल सोमवार से चिकित्सालय की व्यवस्थाएं दुरुस्त रहेंगी और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलेगा। निरीक्षण के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अंधेरा पसरा हुआ था और मौके पर एक भी चिकित्सक या स्टाफ मौजूद नहीं था। आयुष्मान कक्ष में ताला लगा था, यहां वहां कुत्ते बैठे हुए थे, मरहम पट्टी कक्ष में भी कोई कर्मचारी नहीं था। इसके अलावा दीवार पर अधिकारियों की सूची अद्यतन नहीं थी, इसमें स्थानांतरित अधिकारियों का नाम अभी भी दर्ज था। इमरजेंसी वार्ड में एक महिला मरीज अपने बेड पर थीं, जिनकी देखरेख के लिए कोई स्टाफ नहीं था। इसके अलावा चिकित्सालय का पुरुष शौचालय बंद था एवं महिला शौचालय में भारी गंदगी पाई गई, जिस पर जिलाधिकारी ने घोर नाराजगी व्यक्त की। मौके पर स्थानीय निवासी भी पहुंच गए और जिलाधिकारी से शिकायत की कि चिकित्सालय में पूर्व से स्थापित पानी का आरओ निकलवा दिया गया है, जिसके फलस्वरूप यहां पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है, चिकित्सालय में जनरेटर उपलब्ध है परंतु बिजली जाने की स्थिति में जनरेटर नहीं चलाया जाता है, कुपोषित बच्चों के लिए बना एनआरसी वार्ड हमेशा बंद रहता है। ओपीडी नियमित रूप से नहीं चलाई जाती है और इमरजेंसी में डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं रहते हैं। उपरोक्त स्थितियों के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी और प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को मौके पर बुलाकर कड़ी फटकार लगाई और निर्देश दिए कि आज के आज ही पेयजल, विद्युत एवं सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराएं और कल से निर्धारित समय तक चिकित्सकों व स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुए आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओ का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय में जो भी कमियां पाई गई हैं भविष्य में उनकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए अन्यथा की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। निरीक्षण समाप्त होने के बाद डॉ छत्रपाल सिंह एवं डॉ राजकुमार जिलाधिकारी के समक्ष उपस्थित हुए, जिलाधिकारी ने उक्त चिकित्सकों को कड़ी फटकार लगाते हुए भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न करने के कड़े निर्देश दिए, साथ ही निरीक्षण में अनुपस्थित स्टाफ का स्पष्टीकरण लेते हुए उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित उप जिला मजिस्ट्रेट मनीष कुमार को निर्देश दिए कि तहसीलदार एवं एक चिकित्सक नामित करते हुए साप्ताहिक रूप से चिकित्सालय का पर्यवेक्षण कराया जाए और रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।