23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को टी इ टी अनिवार्यता से मुक्ति देने की उठी मांग

निष्पक्ष जन अवलोकन अजय रावत।। बाराबंकी। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक जनपदीय इकाई बाराबंकी ने जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह के नतृत्व में जिलाधिकारी बाराबंकी प्रतिनिधि के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को संबोधित पत्र भेजकर 23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा टी इ टी से मुक्ति दिलाने की मांग उठाई है। संघ ने पत्र में कहा है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 1 सितंबर 2025 को आदेश संख्या 1385/2025 पारित कर समस्त शिक्षकों को दो वर्ष के भीतर TET उत्तीर्ण करने के लिए कहा, अन्यथा की दशा में सेवा मुक्त करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय उन शिक्षकों पर भी लागू किया गया है जो नियुक्ति के समय सभी शैक्षिक योग्यताओं को पूरा कर चयनित हुए थे और बीते 15-20 वर्षों से समर्पणपूर्वक शिक्षा सेवा दे रहे हैं। संघ ने तर्क दिया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा-4 (23.08.2010) के अनुसार 23 अगस्त 2010 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों पर TET की अनिवार्यता लागू नहीं होती। उत्तर प्रदेश में टी इ टी की शुरुआत 29 जुलाई 2011 से हुई थी, ऐसे में पूर्व नियुक्त शिक्षकों को इससे मुक्त रखा जाना न्यायोचित होगा। शिक्षक संघ ने यह भी कहा कि वर्षों की उत्कृष्ट सेवा और विभागीय प्रशिक्षणों के बाद अचानक नयी परीक्षा पास करने का दबाव न केवल अमानवीय है, बल्कि शिक्षकों के मनोबल को भी प्रभावित करेगा। संघ ने केंद्र सरकार, एनसीटीई और प्रधानमंत्री से अपील की है कि पूर्व नियुक्त शिक्षकों के अनुभव और सेवाओं का सम्मान करते हुए उन पर टी इ टी की अनिवार्यता समाप्त करने के लिए अध्यादेश जारी किया जाए। मौके पर जिला मंत्री नीरज वर्मा, अफजाल अहमद, मान सिंह, अशोक सिंह, मुस्तफा खान, सुधीर कुमार, आशुतोष, श्रद्धा मणि, अंजना मिश्रा, निधि राज, रवि वर्मा, सुधीर कुमार, शैलेन्द्र कुमार, विजय सिंह, अर्शिया खातून, अमित वर्मा , सहित हजारों की संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे ।