मोतीनगर में गंदगी का साम्राज्य, दबदबे के आगे बेबस व्यवस्था

मोतीनगर में गंदगी का साम्राज्य, दबदबे के आगे बेबस व्यवस्था

निष्पक्ष जन अवलोकन चीफ ब्यूरो बदरूजमा चौधरी। पचपेडवा विकासखंड, ( बलरामपुर) की ग्राम पंचायत मोतीनगर इस समय भीषण गंदगी, कीचड़ और अव्यवस्था की शिकार बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार गांव में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और इसका सबसे बड़ा कारण पंचायत पर एक व्यक्ति विशेष का दबदबा बताया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि बिजोलिया व्यक्ति नंदकुमार पांडे ग्राम पंचायत के कामकाज में खुलकर दखल देता है और वर्तमान प्रधान अतिकुर रहमान को लगातार गुमराह करता आ रहा है। हालात यह हैं कि प्रधान की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति अलग है, लेकिन फैसले कोई और ले रहा है। आरोप है कि नंदकुमार पांडे के इशारे पर ही ग्राम पंचायत संचालित हो रही है। ग्राम पंचायत में कई घरों से पुराने व्यक्तिगत संबंधों और राजनीतिक संरक्षण के चलते उसने ऐसा दबदबा बना रखा है कि सफाई कर्मी तक स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहा। जैसे ही सफाई कर्मी गांव में आने वाला होता है, उसे पहले से “अलर्ट” कर दिया जाता है, जिसके कारण वह महीने में केवल दो या तीन बार औपचारिक रूप से ही गांव का चक्कर लगाता है। गांव के दर्जनों घरों के आसपास कीचड़ जमा है, नालियां बजबजा रही हैं और जगह-जगह गंदगी के अंबार लगे हैं। अजीज मास्टर, बुद्धू, रामविलास, त्रिवेणी समेत कई परिवारों के घरों के पास हालात बद से बदतर हैं। बरसात के दिनों में स्थिति और भयावह हो जाती है, जिससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है, लेकिन जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि नंदकुमार पांडे ने “छोटे भैया” नेताओं के दम पर ऐसा दबदबा बना रखा है कि कोई भी उसके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करता। इतना ही नहीं, संवाददाताओं को भी फोन पर धमकाने के आरोप सामने आए हैं। जब पत्रकार सुरक्षित नहीं हैं, तो सोचिए कि अपनी ही ग्राम पंचायत में आम लोगों पर किस तरह का दबाव बनाया जाता होगा। मोतीनगर की यह तस्वीर सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि उस व्यवस्था पर सवाल है, जहां सत्ता, डर और दबदबा जनता की बुनियादी जरूरतों—सफाई और स्वच्छता—को कुचल रहा है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब जागता है और क्या इस गंदगी के साम्राज्य पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या फिर मोतीनगर यूं ही बदहाली में सिसकता रहेगा।