“महिला सुरक्षा पर सवाल, हम चुप नहीं बैठेंगे” --- प्रियंका खत्री, छात्रा प्रतिनिधि, गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय।

“महिला सुरक्षा पर सवाल, हम चुप नहीं बैठेंगे” --- प्रियंका खत्री, छात्रा प्रतिनिधि, गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय।

श्रीनगर गढ़वाल (अंकित उनियाल)

हरिद्वार में एक महिला नेता द्वारा अपनी नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म जैसी भयावह घटना ने समाज की चेतना को झकझोर दिया है। यह सिर्फ एक आपराधिक कृत्य नहीं, बल्कि महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गहरा प्रश्नचिह्न है।

आज सड़कों, दफ्तरों, शिक्षण संस्थानों तक — महिलाएं स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहीं। पीछा करना, रास्ता रोकना, मानसिक उत्पीड़न आम होता जा रहा है। ऐसे अपराधियों को यह साहस तब मिलता है जब शासन-प्रशासन दोषियों पर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं करता — जैसे अंकिता भंडारी प्रकरण में देखा गया।

हमारा स्पष्ट मत है — ऐसे अपराध को समाज कतई स्वीकार नहीं करेगा। जब तक इस जघन्य मामले के दोषियों के नाम उजागर नहीं किए जाते और सरकार महिला सुरक्षा को लेकर ठोस कानून नहीं बनाती, तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।महिलाएं चुप नहीं रहेंगी। हम बोलेंगे, लड़ेंगे और न्याय लेकर रहेंगे।

 प्रियंका खत्री(छात्रा प्रतिनिधि)हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल।