मनरेगा में फर्जीवाड़ा: मजदूरों का हक़ छीना, कागजों पर हाजिरी, ज़मीनी हकीकत में सन्नाटा

मनरेगा में फर्जीवाड़ा: मजदूरों का हक़ छीना, कागजों पर हाजिरी, ज़मीनी हकीकत में सन्नाटा

निष्पक्ष जन अवलोकन। तुलसीपुर बलरामपुर। मनरेगा योजना गरीबों और मज़दूरों के पेट की रोटी का सहारा है, लेकिन यहाँ फर्जीवाड़ा इतना गहराता जा रहा है कि मज़दूरों का खून-पसीना कागजों पर ही बहा दिया जा रहा है। विकासखंड के अलग-अलग ग्राम पंचायतों का हाल देखने पर साफ हो गया कि जमीनी स्तर पर मजदूरों को काम नहीं मिल रहा, जबकि ऑनलाइन अटेंडेंस और मास्टर रोल पर हाजिरी पूरी दिखा दी जा रही है। ग्राम पंचायत महादेव जमुनी में 6 मास्टर रोल पर 48 मजदूरों की ऑनलाइन अटेंडेंस चढ़ा दी गई, लेकिन मौके पर एक भी मज़दूर मौजूद नहीं मिला। खेत-खलिहानों में सन्नाटा था, जबकि कागज पर मजदूरी चल रही थी। ग्राम पंचायत नन्हवापुर में 11 मास्टर रोल पर 90 मज़दूरों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज की गई। सूत्रों ने बताया कि यहाँ फोटो से फोटो चढ़ाया जा रहा है। मौके पर मात्र 17 मजदूर काम करते पाए गए, बाकी का नाम और फोटो महज़ दिखावे के लिए। यह मजदूरों के हक़ पर सबसे बड़ा डाका है। ग्राम पंचायत परसपुर करौंदा का हाल भी कुछ अलग नहीं रहा। यहाँ 6 मास्टर रोल में 51 मजदूरों की हाजिरी ऑनलाइन दर्ज है, जबकि ज़मीनी स्तर पर मजदूरों की मौजूदगी संदेहास्पद रही। गाँव के मजदूरों का कहना है कि उन्हें काम की तलाश में रोज पंचायत के चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन उनका नाम मास्टर रोल में चढ़ाकर अफसर