प्रयागराज महाकुंभ में अनोखी पहल, इस बार कन्यायें करेगी गंगा आरती के साथ पूजन

प्रयागराज महाकुंभ में अनोखी पहल, इस बार कन्यायें करेगी गंगा आरती के साथ पूजन

निष्पक्ष जन अवलोकन विजय शुक्ला

प्रयागराज:विश्व भर में धर्म और आस्था की नगरी कहे जाने वाली संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ शुरु हो रहा है. इस बार यह कई मायनों में खास होने जा रहा है. 2025 महाकुंभ जहां दिव्य -भव्य, सुरक्षित - डिजिटल स्वच्छ और ग्रीन होगा, वहीं नारी सशक्तिकरण की यह अनूठी मिसाल भी बनेगा.दरअसल, प्रयागराज में संगम किनारे रोजाना होने वाली जय त्रिवेणी जय प्रयागराज आरती समिति की ओर से महाकुंभ के दौरान दो महीने तक कन्याओं के द्वारा आरती संपन्न कराएंगी. महिलाएं ही डमरू और शंख बजाएंगी और पूजा करेंगी. वही प्लेटफार्म पर चढ़कर आरती के पात्र को हाथ में लेकर सभी रस्में अदा करेंगी. समूची दुनिया में यह पहला मौका होगा, जहां बड़े पैमाने पर होने वाली नियमित आरती को कन्या संपन्न करेगी. दुनिया को एक संदेश देने का काम भी करेगी.जय त्रिवेणी जय प्रयाग आरती समिति कृष्ण दत्त तिवारी का कहना है कि 144 वर्षों बाद ऐसा मौका आया है. इतने बड़े आयोजन में हमारी आरती समिति के माध्यम से कन्याओं के माध्यम से 2 वर्ष पर्यंत बटुक ब्राह्मणों द्वारा यहां की मां गंगा की आरती की जाती है. नारी सशक्तिकरण, पुरुष और नारी के बीच समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य को लेकर हम संदेश देना चाहते हैं. बटुक ब्राह्मणों के साथ-साथ कन्याओं द्वारा गंगा जमुना सरस्वती की महा आरती संपन्न कराई जा रही है. वर्ग आचमन धूप दीप के साथ पूजन संघ घंटा घड़ियाल के साथ सभी मंत्रो के द्वारा इस महाकुंभ के वैश्विक आयोजन में वसुदेव कुटुंबकम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पूरे विश्व के लोगों को को हम दिखाना चाहते हैं. सनातन संस्कृति में नारियों का विशेष योगदान रहता है.जिस तरह से शहर का सौंदर्यकरण हो रहा है, मेले के सौंदर्य का कारण इस पर शासन प्रशासन दिन-रात जुटा हुआ है. जिससे आने वाले श्रद्धालुओं को एक दिव्य और भव्य कुंभ नगरी देखने को मिले. इतना नहीं अभी से ही इस पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र में भी चाहे वह महाआरती हो, चाहे आने वाले साधु संत के रंग, यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह बेहद खास हैं. इसमें यह कन्याओं द्वारा गंगा जमुना सरस्वती की महा आरती भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होगी.