महाकुंभ : गंगा पर हेतापट्टी से दारागंज के बीच पुल पर कैबिनेट में लग सकती है मुहर

निष्पक्ष जन अवलोकन विजय शुक्ला

प्रयागराज मेला क्षेत्र में 16 या 21 जनवरी को संभावित कैबिनेट की बैठक में गंगा पर दारागंज से हेतापट्टी तक पुल के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद सेतु निगम इसका प्रस्ताव तैयार कर रहा है। कुंभ-2019 के दौरान प्रयागराज में कैबिनेट की बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। महाकुंभ-2025 में भी कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है। इसी के साथ मुख्यमंत्री अन्य मंत्रियों संग संगम में स्नान भी करेंगे। इस पर सहमति के साथ बैठक पर आने खर्च को भी मंजूरी दे दी गई है। बैठक 16 जनवरी को संभावित है, हालांकि 14 के साथ 15 जनवरी को भी मकर संक्रांति स्नान की भीड़ रहेगी। इसके अलावा आमतौर पर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक होती है। ऐसे में दो प्रमुख स्नान पर्वों मकर संक्रांति तथा मौनी अमावस्या के बीच 21 जनवरी को मंगलवार पड़ रहा है, जिस दिन अपेक्षाकृत कम भीड़ होगी। ऐसे में 21 जनवरी को भी बैठक की संभावना जताई जा रही है। मेला प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। बैठक के एजेंडे पर निर्णय तो शासन के स्तर पर लिया जाएगा, लेकिन मेला प्रशासन तथा स्थानीय नेताओं की ओर से इस पर मंथन शुरू हो गया है। गंगा नदी पर दारागंज से हेतापट्टी के बीच पुल की मांग को मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी है। यह कार्य सूची भी शामिल हो चुका है। करीब 750 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल का प्रस्ताव सेतु निगम तैयार कर रहा है। माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी मिल जाए। शहर उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी का भी कहना है कि जल्द ही वह मुख्यमंत्री से मिलेंगे। मेले में होने वाली कैबिनेट की बैठक में पुल का प्रस्ताव रखने की मांग करेंगे। बैठक के कई अन्य प्रस्तावों पर भी मंथन जारी है। यमुना नदी पर बोट क्लब से अरैल के बीच प्रतीकात्मक राम सेतु का निर्माण कराया जाएगा। इस पर सिर्फ पैदल चला सकेगा। महापौर ने शासन में इसका प्रस्ताव रखा गया है। मेले में होने वाली कैबिनेट की बैठक में भी इसका प्रस्ताव रखने की तैयारी है। महापौर गणेश केसरवानी का कहना है कि भगवान राम ने यमुनाजी को भी पार किया था, साथ में स्नान किया था। इसलिए यहां राम सेतु का प्रतिरूप बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसे मुख्यमंत्री की भी सहमति मिल गई है। जल्द ही सेतु निगम से इसका विस्तृत प्रस्ताव तैयार कराया जाएगा। कोशिश है कि मेले में होने वाली कैबिनेट की बैठक में ही इसका प्रस्ताव रखा जाए। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किया जाएगा।