कला के लिए समर्पित था बाबा योगेन्द्रनाथ का जीवन : अरूण कुमार बरनवाल
जयन्ती पर याद किये गए पद्मश्री बाबा योगेन्द्र
निष्पक्ष जन अवलोकन। रामेश्वर विश्वकर्मा रुद्रपुरी।
देवरिया । साहित्य, कला एवं संगीत के प्रति समर्पित अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती के संस्थापक सदस्य, कलाऋषि पद्मश्री बाबा योगेन्द्र की 101वीं जयंती मंगलवार की शाम जिलाध्यक्ष अरूण कुमार बरनवाल की अध्यक्षता में उन्हीं के आवास पर मनाया गया । उपस्थित लोगों ने बाबा योगेन्द्र के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । संस्था के ध्येय गीत 'साधयति संस्कार भारती' गायन के उपरांत बाबा योगेंद्रनाथ के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कला, रंगमंच, साहित्य और संस्कृति के प्रति उनके योगदान की चर्चा की गई। अध्यक्षीय संबोधन में जिलाध्यक्ष अरुण कुमार बरनवाल ने कहा कि बाबा योगेंद्र के हृदय में सदैव यह कसक रहती थी कि समाज मुगलों व अंग्रेजों से प्रभावित होकर अपनी संस्कृति व संस्कार से दूर होते जा रहे हैं। पाश्चात्य संस्कृति को आत्मसात कर रहे हैं। इसी सोच के आधार पर उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 1981 में संस्कार भारती का गठन किया । उन्होंने कहा कि बाबा योगेंद्र जी अपने नाम के अनुरूप, कर्मयोगी और धैर्ययोगी थे । बाबा ने अपना सम्पूर्ण जीवन कला के लिए समर्पित कर दिया था । उनका राष्ट्र समर्पित जीवन हम सबके लिए एक आदर्श है। संचालन जिला महामंत्री राजेन्द्र प्रसाद जायसवाल ने किया। इस दौरान हीरा वर्मा, महेन्द्र गुप्ता, कृष्णमोहन गुप्ता, नित्यानंद, अरूण, कपिल सोनी, नवनीत बरनवाल, रविकान्त मणि त्रिपाठी, पुष्पा बरनवाल, सचिन आदि मौजूद रहे ।