चार बिंदुओं की सूचना भ्रामक देने पर सीएमओ पर गिर सकती है गाज सीएमओ से मांगी गई सूचना भ्रामक देने पर आयोग ने दूसरी बार नोटिस भेजकर तलब करते हुए अर्थदंड की दी चेतावनी
निष्पक्ष जन अवलोकन अनिल खटीक राठ (हमीरपुर)। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत मांगी गई चार बिंदुओं की सूचना जन सूचना अधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी के द्वारा सूचना न देने पर एवं 6 माह बाद भ्रामक सूचना देने पर के पूर्व सूचना आयोग लखनऊ में याचि द्वारा दर्ज कराई। अपीलार्थी रामसिंह राजपूत निवासी औड़ेरा गांव निवासी ने बताया कि जन सूचना अधिकारी मुख्य चिकित्साधिकारी से 2 अप्रैल 2024 को चार बिंदुओं की सूचना निर्धारित समय में नहीं दी गई। तत्पश्चात अपीलार्थी ने प्रथम अपीलीय अधिकारी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बांदा को 03 मई 2024 को की गई। लेकिन आज तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई। सूचना न मिलने पर 24 जून 2024 को द्वितीय अपील कर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की। अपील का संज्ञान लेते हुए राज्य सूचना आयोग ने प्रथम नोटिस भेजकर सीएमओ को तलब कर 05 दिसंबर 2024 को सुनवाई की तारीख निर्धारित की थी। इसमें सीएमओ ने राज्य सूचना आयोग के नोटिस की अवहेलना करने पर आयोग द्वारा जन सूचना अधिकारी सीएमओ को आयोग द्वारा तलब किया गया। और निर्धारित तिथि पर आयोग में उपस्थित न होने पर पुनः आयोग द्वारा 15 दिन में सही सही सूचना उपलब्ध कराने और सूचना न देने पर आयोग द्वारा आदेश में साफ चेतावनी दी गई कि धारा 20 (1) के अंतर्गत नियमानुसार अर्थदंड अधिरोपित करने का आदेश पारित कर सूचित किया गया। निश्चित रूप से सूचना भ्रामक उपलब्ध कराना आरटीआई मर्यादा अधिनियम का उल्लंघन करना दंडनीय अपराध माना गया है। आयोग द्वारा सुनवाई की अग्रिम तिथि 08 जनवरी 2025 नियत है। नियत तिथि पर न पहुंचने पर अंतिम आदेश पारित कर अर्थदंड की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। यह सूचना अधिकार अधिनियम का कोई महत्व नहीं देते हैं। और न ही अपने स्तर से प्रचार प्रसार व स्लोगन इत्यादि का प्रयोग करते हैं। यह कानून को ठेंगा दिखाकर हमेशा अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं।