गौमाता के नाम पर खिलवाड़, भगवानपुर शिवपुर की गौशाला बदहाली में, अधिकारियों की मिलीभगत उजागर

गौमाता के नाम पर खिलवाड़, भगवानपुर शिवपुर की गौशाला बदहाली में, अधिकारियों की मिलीभगत उजागर

निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड पचपेड़वा (बलरामपुर)अंतर्गत ग्राम पंचायत भगवानपुर शिवपुर में बनी गौशाला की हालत इतनी भयावह है कि देखकर किसी का भी दिल दहल जाए। गौशाला में न तो भूसे का इंतज़ाम है, न चोकर, न ही जानवरों के लिए पानी व रहने की व्यवस्था। नाजुक और बीमार गायें भूख और प्यास से तड़प-तड़पकर दम तोड़ रही हैं। कई गायों की हालत इतनी खराब है कि उनकी हड्डियाँ तक झलकने लगी हैं। 13 सितंबर को निष्पक्ष जनलोकन पोर्टल से इस गौशाला की बदहाली की खबर प्रकाशित हुई थी, लेकिन अफसरों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी और ग्राम पंचायत सचिव आंख मूंदे बैठे हैं। प्रधान और सचिव इतने लापरवाह हैं कि उन्हें यह तक नहीं पता कि उनके क्षेत्र में गौशाला बनी है। दिखावे के लिए भूसे का थोड़ा-बहुत भंडारण गोदाम में रखा गया है, बगल में हरी घास भी डलवा दी गई है, मगर मौके पर उसका उपयोग नहीं किया जाता। सूत्र बताते हैं कि गौशाला के नाम पर मोटी रकम निकाली जाती है, लेकिन अधिकारियों और पंचायत के मिलीभगत से यह पैसा हजम कर लिया जाता है। केयरटेकर के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। जब संवाददाता ने संबंधित सचिव से सवाल किया तो उनका गैर-जिम्मेदाराना रवैया साफ झलक गया। उन्होंने कहा – “गौशाला पर लिए फिर दिखाइए, तब जाकर मानूंगा।” यह जवाब खुद ब खुद बता देता है कि प्रशासन की संवेदनहीनता और भ्रष्टाचार किस हद तक पहुंच चुका है। बलरामपुर जिले की यह तस्वीर न केवल प्रशासन की पोल खोलती है बल्कि यह भी दिखाती है कि ‘गौमाता के नाम पर राजनीति करने वाले’ असल में उनके हक और जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। गौशाला की यह दुर्दशा जिला प्रशासन के लिए शर्मनाक है। अगर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में और भी निर्दोष पशुओं की जानें जाएंगी। यह खबर बलरामपुर को झकझोर देने वाली है और सीधे सवाल उठाती है – आखिर कब तक गौमाता तड़प-तड़पकर दम तोड़ती रहेंगी और जिम्मेदार अफसर, प्रधान व सचिव अपनी जेबें भरते रहेंगे?