15 महीने से टूटा खंभा: रस्सी के सहारे टिकी जान, बिजली विभाग की लापरवाही दे रही ‘मौत को न्योता’

15 महीने से टूटा खंभा: रस्सी के सहारे टिकी जान, बिजली विभाग की लापरवाही दे रही ‘मौत को न्योता’

निष्पक्ष जन अवलोकन विकासखंड पचपेड़वा। ग्राम पंचायत मोती नगर में बिजली विभाग की लापरवाही अब जानलेवा रूप ले चुकी है। पूरे 15 महीने बीत चुके हैं, लेकिन टूटा हुआ बिजली का खंभा आज भी जस का तस मौत को दावत दे रहा है। ग्रामीणों ने कई बार शिकायतें कीं, पर विभाग ने कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। स्थानीय लोगों ने टूटी हुई खंभे को गिरने से रोकने के लिए रस्सियों से बांधकर किसी तरह थाम रखा है, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो। यह खंभा मुन्नी बरसाती के घर के ठीक बगल में झुका हुआ है, जहां रोज बच्चे खेलते हैं और राहगीर गुजरते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि “अब बस भगवान ही बचा रहे हैं, वरना कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।” बिजली विभाग की यह घोर लापरवाही ग्रामीणों में गुस्से और भय का कारण बनी हुई है। लोगों का कहना है कि विभाग तब जागेगा जब कोई मासूम या बुजुर्ग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा देगा। यह खंभा सिर्फ लोहे का नहीं, बल्कि प्रशासन की अनदेखी और तंत्र की संवेदनहीनता का प्रतीक बन चुका है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि तुरंत इस खंभे को बदला जाए और जिम्मेदार कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई हो। “जब तक हादसा नहीं होता, तब तक विभाग नहीं जागता,” — यह कहावत अब मोती नगर की हकीकत बन चुकी है। पत्रकारों और ग्रामीणों ने मिलकर यह सवाल उठाया है कि क्या जनता की जान की कीमत अब सिर्फ शिकायत नंबरों में दर्ज होकर रह जाएगी? विभाग को अब चेतना होगा, क्योंकि यह लापरवाही किसी भी पल मासूमों की जान ले सकती है। मोती नगर के ग्रामीणों ने अंतिम गुहार लगाई है — “हादसे से पहले जागिए, नहीं तो यह खंभा किसी की ज़िंदगी का आखिरी सहारा बन जाएगा।”