मा0 प्रभारी मंत्री ने नेक्स्ट-जेन जीएसटी, जन-प्रथम सुधार पर प्रेस वार्ता कर दी व्यापक जानकारी

मा0 प्रभारी मंत्री ने नेक्स्ट-जेन जीएसटी, जन-प्रथम सुधार पर प्रेस वार्ता कर दी व्यापक जानकारी

निष्पक्ष जन अवलोकन।

अनिल तिवारी।

भदोही 20 सितम्बर 2025ः- मा0 मंत्री नगर विकास, शहरी समग्र विकास, नगरीय योजनाएं एवं गरीबी उन्मूलन, ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा, स्त्रोत उ0प्र0 व जनपद प्रभारी मंत्री ए. के. शर्मा ने कलेक्ट्रेट सभागार में मा0 सांसद डॉ0 विनोद बिन्द, मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरूद्ध त्रिपाठी, मा0 विधायक औराई दीनानाथ भाष्कर, ज्ञानपुर विपुल दूबे, मा0 जिलाध्यक्ष दीपक मिश्रा के उपस्थिति में जीएसटी सुधार कर प्रेस कॉन्फ्रेस के माध्यम से इसके जनहितार्थ आयामों पर बल दिया। उन्होंने बताया कि मा0 प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सरकार ने मध्यम वर्ग के लिए रणनीतिक रूप से प्रभावशाली बदलाव किये और उन्हें सफलता पूर्वक लागू किया। जिससे उनके जीवन में सुगमता आयी और वे अब अधिक सशक्त हो गये है। नेक्स्ट-जेन जीएसटी जन-प्रथम सुधारों में मिल का पत्थर साबित होगा। इससे सुलभ दाम, हर परिवार की मुस्काल बढेगी, रोजमर्रा की जरूरतों पर रोजाना बचत होगा। मा0 प्रभारी मंत्री जी ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नेक्स्ट-जेन जीएसटी सुधारों के लिए 3 सितम्बर 2025 को 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी सुधारों के निर्णय लिए गए। यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बदलाव है। इन सुधारों के तहत 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की सरल दो-दर संरचना लागू की गई है, जबकि विलासिता और लग्जरी सामानों पर 40 प्रतिशत की दर रखी गई है। इससे पारदर्शिता, न्यायसंगत व्यवस्था और कर पालन में आसानी की पुरानी मांगों को पूरा किया गया है। ये सुधार नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगे। यह केवल आर्थिक कदम नहीं, बल्कि देश के लिए दिवाली का तोहफ़ा हैं, इससे करोड़ों परिवारों की बचत सीधे उनके हाथों में जाएगी। जैसे दीपावली पर दीपक घरों को रोशन करते हैं, वैसे ही ये सुधार घरों के खर्च कम करेंगे, किसानों को सशक्त बनाएंगे और कारोबार को गति देंगे, जिससे पूरे भारत में समृद्धि फैलेगी। जीएसटी सुधार के मुख्य बिन्दु निम्न है-दो-दरों की सरलताः अब पुरानी चार-स्तरीय व्यवस्था हटाकर सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दरें रखी गई हैं। इससे भ्रम, कानूनी झंझट और टैक्स भरने की मुश्किलें कम होंगी। जनता को राहतः दूध, पनीर, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, साइकिल और बच्चों के सामान जैसे जरूरी घरेलू सामान पर अब सिर्फ 5ः या शून्य कर लगेगा। इससे रोजमर्रा के खर्च कम होंगे। किसानों को बढ़ावाः ट्रैक्टर, टायर, कीटनाशक और सिंचाई उपकरण पर कर घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे खेती की लागत कम होगी और ग्रामीण भारत को सीधा लाभ मिलेगा। स्वास्थ्य क्रांतिः व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी पूरी तरह से हटा दिया गया है। दवाइयों, ऑक्सीजन और जांच किट पर कर में बड़ी कटौती की गई है ताकि इलाज सभी के लिए सस्ता हो सके। गाड़ियों और वाहनों में भारी छूटः गाड़ियों और बाइक पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गयी है-यानी पूरे 10 प्रतिशत की कटौती-जिससे वाहन खरीददारों को आराम मिलेगा और त्योहारों के समय मांग बढ़ेगी। शिक्षा हुई सस्तीः कॉपियों, पेंसिल, नक्शों और अन्य ज़रूरी छात्र सामग्री पर अब कोई कर नहीं लगेगा। लग्जरी पर ज्यादा कर प्रतिशत विलासिता की वस्तुएं (जैसे तंबाकू, पान मसाला) और लग्जरी सामान (जैसे कसीनो, एसयूवी, यॉट) पर अब 40 प्रतिशत कर लगाया गया है। इससे आम लोगो पर बोझ घटेगा। व्यापार में आसानीः सरल रजिस्ट्रेशन, तेज रिफंड (90 प्रतिशत ऑटो-अप्रूव) और रिस्क-आधारित कंप्लायंस से एमएसएमई, निर्यातकों और श्रम प्रधान क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी। वित्तीय सतर्कताः तंबाकू पर सेस तब तक जारी रहेगा जब तक मुआवजे के ऋण चुकते नहीं है, जिससे राजस्व प्रबंधन जिम्मेदारी से होगा। आर्थिक प्रभाव-मजबूत राजस्व वृद्धिः दरें कम होने के बावजूद, वित्त वर्ष 25 में जीएसटी संग्रह 22.08 लाख करोड़ के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। केवल अप्रैल-अगस्त 2025 में ही 10.04 लाख करोड़ का संग्रह हुआ, जो विकास और बेहतर अनुपालन का प्रमाण है। कर आधार का विस्तारः पंजीकृत करदाताओं की संख्या 2017 में 65 लाख से बढ़कर 2025 में 1.51 करोड़ से अधिक हो गई, जिससे लाखों लोग औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल हुए। खपत बढ़ेगीः आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर कम कर से घरेलू मांग बढ़ने की उम्मीद है, खासकर मध्यम और निम्न आय वाले वर्ग में। जीडीपी में बढ़ोतरीः मजबूत खपत, निवेश और कर संग्रह के जरिए जीडीपी वृद्धि में अनुमानित 0.2-0.3 प्रतिशत का योगदान मिलेगा। पूर्वानुमानः स्थिर और पारदर्शी दो-दर संरचना लंबे समय के व्यापार और निवेश की योजना में भरोसा बढ़ाती है। 2025 के सुधार ‘‘जीवन में आसानी, व्यापार में आसानी’’ के विजन को दर्शाते हैं। सामान्य नागरिकों पर कर का बोझ कम करके, किसानों को सशक्त बनाकर, विनिर्माण को बढ़ावा देकर और लग्जरी तथा विलासिता वस्तुओं पर भार बढ़ाकर, एनडीए सरकार ने समावेशी विकास और वित्तीय जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोबारा साबित की है