नवरात्र में मांस-शराब बिक्री पर लगे प्रतिबंध: संगठन ने मुख्यमंत्री से की मांग भगवती मानव कल्याण संगठन ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन, गोरखपुर मॉडल पूरे प्रदेश में लागू करने की अपील

निष्पक्ष जन अवलोकन ब्यूरो अनिल कुमार हमीरपुर। शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से प्रारंभ हो रहे हैं। इस पावन पर्व को देखते हुए भगवती मानव कल्याण संगठन के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। संगठन ने पूरे नवरात्रि के नौ दिनों तक प्रदेश में मांस और शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया कि नवरात्र हिंदू समाज की आस्था और पवित्रता का पर्व है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु उपवास रखते हुए साधना और आराधना में लीन रहते हैं। जगह-जगह दुर्गा पूजा के पंडाल सजाए जाते हैं और पूरा वातावरण सात्विक एवं दैवीय ऊर्जा से परिपूर्ण होता है। ऐसे पावन अवसर पर यदि शराब और मांस की बिक्री होती है तो साधकों की साधना भंग होती है और धार्मिक वातावरण दूषित होता है। संगठन ने मांग की कि जिस तरह गोरखपुर मंडल में नवरात्र के दौरान मांस व नशे के व्यापार पर रोक लगाई जाती है, उसी तर्ज पर पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जाए। इससे न केवल बहुसंख्यक समाज की धार्मिक भावनाओं का संरक्षण होगा बल्कि शांति, सद्भावना और धार्मिक वातावरण भी मजबूत होगा। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि धर्मसम्राट युग चेतना पुरुष परमहंस योगीराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज द्वारा स्थापित यह संस्था पूरी तरह नशा और मांसाहार मुक्त जीवनशैली अपनाने के लिए समाज को प्रेरित कर रही है। संगठन से जुड़े 20 लाख से अधिक साधक-साधिकाएँ नशामुक्त और सात्विक समाज बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में शकुन्तला कुशवाहा, मानशी पाठक, धीरेंद्र कुशवाहा, चुनूबाद कुशवाहा, अनंतराम शिवहरे, अजय शिवहरे, शिवकरन शर्मा, परशुराम शुक्ला, हुकुम सिंह, अवधेश, जुगुल किशोर पाठक, राजा कुशवाहा, लालाराम यादव, भारत सिंह, दानी प्रसाद, अनुराग यादव, संतोष कुमार विश्वकर्मा, बाबूराम सोनी, शिवकुमार और धर्मेन्द्र सिंह गौतम सहित कई लोग मौजूद रहे।