*विश्व हिन्दू सेवा संघ की तरफ हिंदू समाज की एकता और राष्ट्र की सांस्कृतिक सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय अपील*
*निष्पक्ष जन अवलोकन*
*आदर्श श्रीवास्तव*
— विश्व हिंदू सेवा संघ की ओर से प्रेस वक्तव्य
देश में तेजी से बदलते सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक परिप्रेक्ष्य को देखते हुए विश्व हिंदू सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, एडवोकेट रविंद्र के. द्विवेदी, ने एक अहम और विचारोत्तेजक अपील जारी की है।
उन्होंने कहा:
> "आज का समय आत्मनिरीक्षण, एकता और जागरूकता का है। हिंदू समाज जिस प्रकार से जातिगत, भाषाई, धार्मिक और विचारधारात्मक मतभेदों में बंटता जा रहा है, वह अत्यंत चिंताजनक है। समाज को तोड़ने वाली शक्तियां — चाहे वे धर्मांतरण के माध्यम से हों, सांस्कृतिक आक्रमण के रूप में, या जिहादी मानसिकता के तहत — हमारे राष्ट्र के मूल स्वरूप को चुनौती दे रही हैं।"
संतों, संगठनों और समाज से एक मंच पर आने की अपील:
एडवोकेट द्विवेदी जी ने देश के सभी शंकराचार्यों, संतों, साधु-महात्माओं, अखाड़ों, हिंदू संगठनों, युवा वर्गों, महिलाओं और विचारशील नागरिकों से अपील की है कि वे आपसी मतभेदों को छोड़कर, एक राष्ट्रव्यापी सांस्कृतिक एकता मंच तैयार करें — जो न केवल धर्म की रक्षा करे, बल्कि समाज को जागरूक और संगठित करने का कार्य भी करे।
धर्मांतरण और सांस्कृतिक क्षरण पर चिंता:
उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी प्रेरित मिशनरी संगठन गरीब, दलित और आदिवासी समाज को धन, चिकित्सा या शिक्षा के नाम पर बहकाकर धर्मांतरण करवा रहे हैं। इसके अलावा "लव जिहाद", "लैंड जिहाद", और "जनसंख्या जिहाद" जैसे गंभीर मुद्दों के माध्यम से देश की सांस्कृतिक और भौगोलिक पहचान पर हमला किया जा रहा है।
राजनीतिक दलों और जनता से भी आह्वान:
द्विवेदी जी ने जनता से आग्रह किया कि वे किसी भी ऐसे राजनीतिक दल या संगठन का समर्थन न करें:
जो जातिवाद या क्षेत्रवाद को बढ़ावा दे,
जो हिंदू समाज या देवी-देवताओं का अपमान करे,
या जो राष्ट्रहित के विरुद्ध काम करे।
गौ-संरक्षण और पशु कल्याण:
बतौर अध्यक्ष, पशु एवं गौ संरक्षण समिति, उन्होंने सरकार से अपील की कि गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध, और हर जिले में गौशालाओं की व्यवस्था को प्राथमिकता में लिया जाए।
एडवोकेट रविंद्र के. द्विवेदी
राष्ट्रीय अध्यक्ष – विश्व हिंदू सेवा संघ
अध्यक्ष – पशु एवं गऊ संरक्षण समिति