मनरेगा में फर्जीवाड़ा: मजदूरों की रोज़ी-रोटी पर डाका, जिम्मेदार खामोश

मनरेगा में फर्जीवाड़ा: मजदूरों की रोज़ी-रोटी पर डाका, जिम्मेदार खामोश

निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड कौवापुर (बलरामपुर)क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खेल सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत तुलसीपुर देहात में 4 मास्टर रोल पर 27 मजदूरों की ऑनलाइन अटेंडेंस चढ़ा दी गई, लेकिन मौके पर एक भी मजदूर नहीं मिला। इसी तरह ग्राम पंचायत ठाकुरपुर में 4 मास्टर रोल पर 12 मजदूर दर्ज हैं, जबकि कार्य स्थल पर न के बराबर मजदूर मौजूद पाए गए। सबसे बड़ा मामला ग्राम पंचायत नान्हवापुर का सामने आया, जहाँ 11 मास्टर रोल में 89 मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी चढ़ाई गई, लेकिन मौके पर महज 22 मजदूर ही काम करते मिले। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह सब ‘फोटो से फोटो’ खेल कर किया जा रहा है। मजदूरों की हाजिरी फर्जी तरीके से चढ़ाकर सरकारी धन की बंदरबांट हो रही है। गरीब मज़दूर, जिनके खून-पसीने से यह योजना बनी, वे रोज़गार से वंचित हो रहे हैं और उनके हिस्से की मज़दूरी जिम्मेदारों और ठेकेदारों की जेब में जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि मनरेगा योजना गाँवों के गरीब मजदूरों की रीढ़ है, लेकिन फर्जीवाड़े ने इसे खोखला कर दिया है। मजदूरों को हक नहीं मिल रहा, वे बेरोज़गारी और भूख से जूझ रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी और ब्लॉक स्तर के कर्मचारी सबकुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे बैठे हैं। यह कोई छोटा मामला नहीं, बल्कि पूरे विकासखंड कौवापुर में फैले भ्रष्टाचार की गवाही है। यदि प्रशासन ने सख्त कार्रवाई नहीं की, तो मजदूरों की उम्मीदें पूरी तरह टूट जाएँगी। यह खबर सरकार के कानों तक पहुँचे और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो, तभी मजदूरों का हक सुरक्षित रहेगा।