दूसरी काशी में दीपों का सागर: दुग्धेश्वर धाम में देव दीपावली का अलौकिक वैभव
गंगा आरती ने मोहा मन, दीपों से नहाया शिवधाम; हर-हर महादेव के जयघोषों से गूंजा रुद्रपुर
निष्पक्ष जन अवलोकन। रामेश्वर विश्वकर्मा रुद्रपुरी।
रुद्रपुर (देवरिया)। कार्तिक पूर्णिमा की पावन संध्या पर रुद्रपुर स्थित प्रसिद्ध दूसरी काशी, बाबा दुग्धेश्वर नाथ धाम में श्रद्धा और आस्था का अभूतपूर्व संगम देखने को मिला। देव दीपावली के अवसर पर पूरा मंदिर परिसर लाखों दीपों की लौ से ऐसा जगमगा उठा कि मानो स्वयं काशी नगरी रुद्रपुर में अवतरित हो गई हो। मंदिर के गर्भगृह से लेकर परिक्रमा पथ तक दीपों की सुनहरी कतारों ने सम्पूर्ण शिवधाम को दिव्यता से आलोकित कर दिया।
इस भव्य आयोजन में मन्दिर प्रबंध समिति के पदाधिकारी, धार्मिक संगठनों के कार्यकर्ता और नगर क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। श्रद्धालुओं ने दीपदान कर भगवान भोलेनाथ की आराधना की और परिवार, समाज व राष्ट्र की सुख-समृद्धि की कामना की। पूरे आयोजन के दौरान हर-हर महादेव और जय दुग्धेश्वर नाथ के जयघोषों से वातावरण गुंजायमान रहा। महिलाओं, पुरुषों व बच्चों ने थालों में दीप सजा कर आरती की और पूरे परिसर में भक्ति की गंगा बहा दी। श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रांगण को दीपों से कलात्मक ढंग से सजाकर ऐसा दृश्य प्रस्तुत किया कि हर कोई मुग्ध रह गया। बच्चों ने भी दीप जलाकर अपनी आस्था का प्रदर्शन किया। चारों ओर टिमटिमाते दीपों की कतारें और चाँदनी रात का संगम दृश्य को और भी मनोहारी बना रहा था। मंदिर समिति के सदस्यों के अनुसार, इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक रही। देर रात तक श्रद्धालु बाबा दुग्धेश्वर नाथ के जयघोष करते हुए मंदिर परिसर में दीप प्रज्वलित करते रहे। जैसे-जैसे रात गहराती गई, चाँदनी और दीपों की लौ का मेल ऐसा अद्भुत दृश्य उत्पन्न कर रहा था, मानो रुद्रपुर किसी देवलोक में परिवर्तित हो गया हो। इस दौरान उद्घोषणा का काम तारकेश्वर विश्वकर्मा व नरेन्द्र मद्धेशिया ने किया। इस अवसर पर राधा कृष्ण मंदिर और गिरिजा सरोवर मंदिर को भी दीपों से सजाया गया था। गिरिजा सरोवर परिसर में काशी की तर्ज पर गंगा आरती का आयोजन हुआ, जिसमें जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, उपजिलाधिकारी हरिशंकर लाल, चेयरमैन प्रतिनिधि छट्ठेलाल निगम, समाजसेवी मनमथ त्रिपाठी, मुन्ना सिंह साईं, मोहन उपाध्याय, प्रदीप यादव, सुरेंद्र देव मिश्रा, राणाप्रताप सिंह, संजय कुमार यादव, कौशल किशोर सिंह, शिवहरि त्रिपाठी, तारकेश्वर विश्वकर्मा, सुधांशु सिंह, राजू कन्नौजिया, सभासद प्रतिनिधि रामप्रवेश भारती, शिवानन्द विश्वकर्मा, विश्वविजय त्रिपाठी, सत्राजीत मणि त्रिपाठी सोनू, जयबहादुर गौतम, सुधांशूमौली ओझा, सत्यपाल यादव, डॉ0 एस के शाही सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। जैसे ही वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रवाहित किए गए, लहरों पर तैरते दीपों की सुनहरी झिलमिलाहट ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। गंगे हरि, गंगे हरि के मंत्रोच्चार से गूंजता हुआ सरोवर परिसर ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे स्वयं गंगा माता भक्तों का आशीर्वाद दे रही हों। चारों ओर जलते दीपों की कतारें श्रद्धा और सौंदर्य का अनुपम दृश्य साकार कर रही थीं। इस दौरान मुन्ना सिंह साईं ने कहा कि बाबा दुग्धेश्वर नाथ धाम की देव दीपावली अब रुद्रपुर की पहचान बन चुकी है। हर वर्ष यहाँ भक्ति, सौंदर्य और अध्यात्म का ऐसा संगम होता है, जो श्रद्धालुओं के मन में अपार शांति और आनंद का संचार कर जाता है।