आदिवासी गांव बिजहना में अंधेरे घरों की दिवाली बनो कार्यक्रम का हुआ भव्य आयोजन
निष्पक्ष जन अवलोकन। । शिवसंपत करवरिया। चित्रकूट। विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी संस्था आयुष्मान वानप्रस्थ विश्वविद्यालय जनपद की अति पिछड़े पाठा क्षेत्र की ग्राम पंचायत डोडा माफी के मजरा बिजहना कोल आदिवासी बस्ती में अंधेरे घरों की दिवाली बनो कार्यक्रम का आयोजन कर उन घरों में दिवाली मनाई जिनके घरों में एक दिया जलाने को तेल भी मुनासिब नहीं होता ,उस बस्ती के लोग जब अपने बीच समाजसेवियों के एक समूह को पाया तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। समाजसेवियों के एक समूह के साथ जब पाठा के कोल आदिवासी महिला पुरुष बच्चों ने अपने घरों में दिए जलाए तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। उनका कहना था कि आश्वासन देने वाले बहुत आए पर हकीकत में बिजहना के आदिवासियों के आंसू पोंछने आज तक वहां कोई नहीं पहुंचा था यह पुनीत कार्य अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान के निदेशक समाजसेवी गोपाल भाई के प्रयास से संभव हुआ जिनके कुशल निर्देशन में अंधेरे घरों की दिवाली बनो कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इसमें लगभग 300 कोल आदिवासी परिवारों को दिवाली की सामग्री और मिष्ठान वितरित किया गया। बीजना में इस कार्यक्रम को लेकर इतना कोल परिवारों में उत्साह था कि उस बस्ती में एक शादी समारोह की तरह उल्लास देखने को मिला। जहां पर कार्यक्रम आयोजित था वहां पर छियूल का मंडप बनाया गया था उसी के नीचे बैठने की व्यवस्था थी। जमीन की लिपाई गाय के गोबर से की गई थी। वहीं पर रंगोली भी सजाई गई जो वास्तव में वहां की बच्चियों की प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन था। आदिवासी महिला पुरुष अपने पारंपरिक लोकगीतों के माध्यम से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुतियां भी दी। कार्यक्रम के संयोजक बलवीर सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम गोपाल भाई की प्रेरणा से आयोजित किया गया, बिजली कई वर्षों से यह संस्थान गरीबों की बस्तियों में जाकर उनके घरों को रोशन करने के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस वर्ष बिजहना कोल आदिवासी बस्ती में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया , आगे यहां की जो समस्याएं हैं उनके समाधान के लिए संस्थान प्रयास करेगा, सरकारी योजनाओं का लाभ यहां के लोगों को उपलब्ध कराने के लिए सार्थक पहल की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस गांव को एसडीएम मानिकपुर मोहम्मद जसीम ने विकास की दृष्टि से गोद लेने का भी निर्णय लिया है ।कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी बच्चियों के द्वारा गणेश देवा हो गणेश देवा गजरा को बिरझेरी गीत से हुआ और आदिवासी कुलपुज देवता का पूजन हुआ दीप जलाए गए इसके बाद सभी को दिवाली मनाने की सामग्री एवं उपहार भेंट किए गए। इस कार्यक्रम में डॉ मनोज द्विवेदी रामनिधि दास समाजसेविका जय श्री योग सुषमा सिंह प्रमिला, अनीता सिंह लल्लू राम शुक्ला राकेश माथुर पंकज दुबे, सभासद शंकर यादव, अजय यादव आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता मारकुंडी निवासी देव शुक्ला, समाजसेवी देशराज यादव राजेश दुबे ग्राम प्रधान रामलाल आदि गणमान्य लोगों की उपस्थिति में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ । कार्यक्रम के सफल आयोजन में सामाजिक कार्यकर्ता विजय सिंह संजय भरत संध्या आरती देशराज जय गोपाल सरल देव कुमार विश्वदीप रामविलास अजीत कुमार रामराज मोगली धनराज, जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के छात्र मयंक सिंह दीपक सिंह सत्यनारायण उमेश कुमार लक्ष्मण लाल बदरुद्दीन खान आदि का सराहनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन आदिवासी पढ़ी-लिखी बच्ची भारती ने किया। अंत में विशाल सामूहिक भोज का भी आयोजन हुआ।