मनरेगा में बड़ा खेल: इमलिया कोडर में फर्जी हाजिरी, मजदूरों का हक़ छीना गया, मौके पर सन्नाटा

निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड पचपेड़वा (बलरामपुर)के ग्राम पंचायत इमलिया कोडर में मनरेगा योजना के तहत हो रहे कार्यों में बड़ा घोटाला सामने आया है। मीडिया की टीम जब मौके पर पहुंची, तो वहां न तो कोई मजदूर काम करता मिला और न ही कोई निर्माण कार्य प्रगति पर था। पूरे स्थल पर गहरा सन्नाटा पसरा था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यहाँ चार मास्टर रोल चल रहे हैं जिनमें 38 मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की गई है। लेकिन हकीकत में मौके पर एक भी मजदूर मौजूद नहीं था। यह साफ़ इशारा करता है कि रोजगार सेवक, सचिव और ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी धन का खुला बंदरबांट किया जा रहा है। मजदूरों की पसीने की कमाई बिना मेहनत के बांट ली जा रही है, जबकि गरीब मजदूर रोज़गार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। जब इस संबंध में मीडिया टीम ने जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब लेने की कोशिश की, तो रोजगार सेवक मोहित दुबे से दूरभाष पर संपर्क किया गया। घंटी बजी, लेकिन कॉल रिसीव नहीं की गई। इस चुप्पी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या जिम्मेदार अधिकारी भी इस खेल में शामिल हैं? ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत में हफ्तों से कोई मजदूर काम करने नहीं आता, फिर भी ऑनलाइन हाजिरी लगाकर भुगतान कराया जा रहा है। यह भ्रष्टाचार न केवल सरकार की योजनाओं पर सवाल उठाता है बल्कि गरीबों के अधिकारों की भी खुली लूट है। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है। क्या इन जिम्मेदारों पर शिकंजा कसेगा या फिर यह मामला भी अन्य की तरह फाइलों में दफन हो जाएगा? मजदूरों के हित की यह तड़पती, फड़कती सच्चाई प्रशासन की आंखें खोलने वाली है।