मनरेगा में फर्जीवाड़ा: मज़दूरों की पसीने की कमाई काग़ज़ों में, मैदान सूने पड़े

मनरेगा में फर्जीवाड़ा: मज़दूरों की पसीने की कमाई काग़ज़ों में, मैदान सूने पड़े

निष्पक्ष जन अवलोकन। 

 बदरूजमा चौधरी । 

विकासखंड गैसड़ी |( बलरामपुर)ग्राम पंचायत मदरहवा गरीबों की मेहनत और पसीने से चलने वाली मनरेगा योजना अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नज़र आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत मदरहवा में 4 मास्टर रोल पर 30 मज़दूरों की ऑनलाइन हाजिरी दिखाई जा रही है, जबकि मौके पर एक भी मज़दूर नहीं मिला। यह नज़ारा सिर्फ़ एक गांव की कहानी नहीं, बल्कि उन तमाम मज़दूरों की तड़पती हुई पुकार है, जो आज भी काम की तलाश में भटक रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि प्रधान द्वारा ऑनलाइन हाजिरी लगाई जा रही है, जबकि मैदान में सन्नाटा पसरा हुआ है। जहां पसीने की बूंदों से रोटी पकनी चाहिए थी, वहां अब भ्रष्टाचार की लपटों में उम्मीद जल रही है। मज़दूरों के हक़ पर ये डाका न केवल शासन की योजनाओं की पोल खोलता है, बल्कि उन परिवारों के आंसू भी दिखाता है, जो हर रोज़ पेट की आग बुझाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मज़दूरों की हथेलियों में दरारें हैं, मगर हाजिरी मोबाइल पर पूरी है। पसीने की कीमत अब कागज़ी हेराफेरी मैं गुम हो गई है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस फर्जीवाड़े की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि मजदूरों के हक की रोटी उन तक पहुंच सके।