फर्जी मनरेगा ने छीना गरीबों का हक, कागजों में चल रहा रोजगार

फर्जी मनरेगा ने छीना गरीबों का हक, कागजों में चल रहा रोजगार

निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड पचपेडवा (बलरामपुर )अंतर्गत ग्राम पंचायत ठडवालिया में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को खुलेआम मज़ाक बना दिया गया है। यहां 4 मास्टर रोल पर 39 मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी तो दर्ज है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जब मीडिया की टीम कार्यस्थल पर पहुंची, तो वहां एक भी मजदूर मौजूद नहीं मिला। न कोई फावड़ा चला रहा था, न मिट्टी खुदाई का कोई निशान था। मौके पर सन्नाटा पसरा था, जबकि सरकारी अभिलेखों में कार्य प्रगति पर बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक फोटो से फोटो लेकर कागजों में काम चलाया जा रहा है और मजदूरों के नाम पर सरकारी धन की निकासी की जा रही है। सबसे गंभीर सवाल यह है कि यह सब बिना अधिकारियों की मिलीभगत के कैसे संभव है? ग्रामीणों का आरोप है कि बीडीओ, एपीओ, ग्राम प्रधान और सचिव की सांठगांठ से यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है। जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है, ताकि मामला दबा रहे और मलाई काटने वालों पर कोई आंच न आए। मनरेगा जैसी योजना, जो गरीबों को रोजगार और सम्मान देने के लिए बनाई गई थी, आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। जिन मजदूरों को दो वक्त की रोटी के लिए काम मिलना चाहिए, उनके नाम पर कागजों में काम दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट की जा रही है। अब सवाल यह है कि क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होगी या फिर हमेशा की तरह यह मामला भी फाइलों में दबा दिया जाएगा? गरीब मजदूर आज भी जवाब की आस में हैं।