खबर निकालना पड़ा महंगा! सच दिखाने पर सचिव और गुंडों की धमकी — पत्रकारों में आक्रोश, प्रशासन से कार्रवाई की मांग

निष्पक्ष जन अवलोकन।
बदरूजमा चौधरी ।
विकासखंड पचपेड़वा (बलरामपुर)से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां सच दिखाना एक पत्रकार को भारी पड़ गया। ग्राम पंचायतों में फैले भ्रष्टाचार और घोटालों को उजागर करने वाले संवाददाता को अब खुलेआम धमकियां दी जा रही हैं। मामला विकासखंड पचपेड़वा के ग्राम पंचायत इमलिया कोडर से जुड़ा है, जहां 4 अक्टूबर को प्रकाशित एक खबर ने तंत्र की नींव हिला दी थी। संवाददाता द्वारा निष्पक्ष जांच और स्थल अवलोकन के बाद तैयार खबर में ग्राम पंचायत इमलिया कोडर में मनरेगा घोटाले का बड़ा खुलासा किया गया था। खबर में यह बताया गया कि मौके पर मजदूर अनुपस्थित थे, जबकि ऑनलाइन मास्टर रोल में 38 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। इस फर्जीवाड़े को लेकर बीडीओ मोहित दुबे का वर्जन भी खबर में शामिल किया गया था। लेकिन सच सामने आते ही भ्रष्टाचार में लिप्त तत्वों की नींद उड़ गई। सूत्रों के मुताबिक, खबर प्रकाशित होने के बाद पंचायत से जुड़े सचिन निलेश श्रीवास्तव ने संवाददाता को खुलेआम धमकाना शुरू कर दिया। बताया जा रहा है कि उन्होंने कहा > “बहुत उड़ रहे हो खबर लिखकर... अब देखना कब और कैसे दबोचते हैं... खबर लिखने का शौक छुड़ा देंगे!” यह धमकी न केवल पत्रकार की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न लगाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भ्रष्टाचार उजागर करने वाले पत्रकार किस खतरे में काम कर रहे हैं। पत्रकारों ने कहा कि “अगर सच्चाई दिखाना अपराध है, तो लोकतंत्र का मतलब ही खत्म हो गया। पत्रकारों को दबाने, डराने और धमकाने की इस प्रवृत्ति पर अब लगाम लगानी होगी।” पत्रकार संघों ने जिलाधिकारी बलरामपुर और पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाई है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति पत्रकारों को धमकाने की हिम्मत न कर सके। बलरामपुर से उठी यह पुकार सिर्फ एक पत्रकार की नहीं, बल्कि लोकतंत्र की आवाज़ है — अगर कलम डर गई, तो सच कौन बोलेगा?