मां दुर्गा की चौथी शक्ति मां कूष्मांडा का व्रत पूजन आज

मां दुर्गा की चौथी शक्ति मां  कूष्मांडा का व्रत पूजन आज

निष्पक्ष जन अवलोकन 

आदर्श श्रीवास्तव 

वाराणसी *नवरात्रि का चौथा दिन आज:* 

दो दिन रहेगी चतुर्थी तिथि, इसलिए दो दिन करें देवी कुष्मांडा की पूजा, मां को चढ़ाएं कद्दू के पेठे

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आज (25 अक्टूबर) मां दुर्गा की चौथी शक्ति कुष्मांडा की पूजा का दिन है। इस साल नवरात्रि में चतुर्थी तिथि दो दिन (25 और 26 सितंबर) है, इसलिए नवरात्रि 9 नहीं, 10 दिनों की है। दो दिन चतुर्थी तिथि होने से आज और कल देवी कुष्मांडा की पूजा करें। मान्यता है कि देवी को कुम्हड़ा (कद्दू) बहुत प्रिय है। इसलिए देवी को भोग में कद्दू के पेठे चढ़ाना चाहिए।

*देवी कुष्मांडा की कथा*

"देवी कुष्मांडा तब प्रकट हुई थीं, जब सृष्टि की रचना भी नहीं हुई थी, उस समय चारों ओर सिर्फ अंधकार था। माना जाता है कि देवी कुष्मांडा ने मुस्कान के साथ ही पूरे ब्रह्मांड की रचना कर दी थी। अंड यानी ब्रह्मांड की रचना करने की वजह से देवी को कुष्मांडा नाम मिला।

देवी कुष्मांडा से पहले ब्रह्मांड का अस्तित्व ही नहीं था, इसलिए देवी मां को आदिस्वरूपा और आदिशक्ति भी कहा जाता है।

देवी सूर्य लोक में वास करती हैं। सूर्य लोक में रहने की शक्ति सिर्फ देवी कुष्मांडा के पास ही है। इनके तेज की तुलना किसी भी देवी-देवता से नहीं की जा सकती। जो लोग किसी नए काम की शुरुआत करना चाहते हैं, जीवन में सुख-शांति और सफलता पाना चाहते हैं, उन्हें देवी के इस स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।

*देवी कुष्मांडा की सीख*

देवी कुष्मांडा संदेश देती हैं कि काम कितना भी मुश्किल हो, हमें मुस्कान के साथ उसका सामना करना चाहिए। मुस्कान के साथ ही सकारात्मक सोच के साथ बड़े-बड़े काम किए जा सकते हैं।