मनरेगा में फर्जीवाड़ा: ऑनलाइन हाजिरी, मैदान पर सन्नाटा – मज़दूरों का हक़ छीना जा रहा है

निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड गैसड़ी( बलरामपुर )क्षेत्र में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खेल चल रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत त्रिकुलिया, मिसरौलिया और चौकिया में हकीकत कुछ और है और कागजों पर दिखाया गया काम कुछ और। त्रिकुलिया ग्राम पंचायत में 31 मज़दूरों की ऑनलाइन अटेंडेंस दर्ज कर मास्टर रोल चलाया जा रहा है, जबकि मौके पर कार्य की असलियत पूरी तरह संदेहास्पद है। जब संवाददाता ने रोजगार सेवक से संपर्क किया तो उन्होंने टालते हुए कहा कि "मौके पर चलकर दिखाओ, तभी मानेंगे।" यह बड़बोलापन इस बात की ओर इशारा करता है कि भीतर ही भीतर धांधली की पूरी जड़ें मौजूद हैं। दूसरी तरफ ग्राम पंचायत मिसरौलिया में 40 मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दिखाई गई, लेकिन मौके पर सिर्फ 10 मजदूर काम करते हुए मिले। बाकी मजदूर केवल कागजों पर ही दर्ज कर दिये गए, जिससे साफ जाहिर होता है कि मजदूरी का बड़ा हिस्सा कहीं और जा रहा है। तीसरे मामले में ग्राम पंचायत चौकिया की स्थिति और चौंकाने वाली रही। यहां 20 मजदूरों की ऑनलाइन अटेंडेंस और तीन मास्टर रोल चलाए जा रहे हैं। लेकिन मौके पर असल में मजदूरों का अता-पता तक नहीं है, फोटो से फोटो लेकर काम दिखाने का खेल लगातार जारी है। जब इस संबंध में विकासखंड गैसड़ी के बीडीओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि "जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।" हालांकि, वर्षों से चली आ रही इस गड़बड़ी को देखकर ग्रामीणों का भरोसा सरकारी जांच पर कम ही दिखाई देता है। यह तस्वीर दिखाती है कि गरीब मजदूरों के खून-पसीने की कमाई पर किस तरह अफसरों और जिम्मेदारों की मिलीभगत से डाका डाला जा रहा है। मनरेगा जैसी महत्वाकांक्षी योजना, जिसका उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराना है, आज भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। सवाल यह है कि आखिर कब तक मज़दूरों का हक़ यूं ही लूटा जाता रहेगा