भूख से तड़पती गौमाता: परसोहिया गौशाला बनी दर्द की दास्तां

निष्पक्ष जन अवलोकन। जनपद सिद्धार्थनगर, विकासखंड बढ़नी, ग्राम पंचायत परसोहिया में बनी गौशाला आज इंसानियत को झकझोरने वाली तस्वीर पेश कर रही है। यहां की हालत ऐसी है कि गौमाताएं भूख से तड़प रही हैं, और उनकी देखरेख करने वाला केयरटेकर गायब है। जब मीडिया की टीम मौके पर पहुंची, तो सामने आईं दिल दहला देने वाली तस्वीरें — कमजोर, भूखी और कांपती गायें, जिनके पास ना चारा है, ना पानी, ना कोई सहारा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधान, सचिव और बीडीओ की मिलीभगत से गौशाला के नाम पर लाखों की बंदरबांट की जा रही है। सरकारी फाइलों में सब कुछ ठीक दिखाया जा रहा है, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है। गौशाला के अंदर घुट-घुट कर जी रही हैं गौमाताएं, जिनकी आवाज़ अब भी प्रशासन तक नहीं पहुंची। जब संवाददाता ने फोन पर प्रधान से संपर्क करने की कोशिश की, तो घंटी बजती रही पर कोई जवाब नहीं मिला। यह चुप्पी बहुत कुछ बयां कर रही है — आखिर क्यों भाग रहे हैं जिम्मेदार? क्यों नहीं दे रहे जवाब? यह गौशाला नहीं, एक शर्मशाला बन चुकी है, जहां शासन की योजनाओं का मज़ाक उड़ाया जा रहा है और गौमाताओं का जीवन संकट में है। प्रशासन को चाहिए कि तुरंत संज्ञान ले, जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करे और भूख से जूझ रहीं इन बेजुबान गौमाताओं को जीवनदान दे। यह तस्वीर सिर्फ परसोहिया की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर एक कड़ा तमाचा है। सवाल उठता है — आखिर कब तक जारी रहेगा यह मौत का मंजर?