भागवत कथा वह ज्योति है जो जीवन को धर्म, प्रेम और सदाचार के उजाले में बदल देती है- आचार्य राहुल त्रिपाठी

भागवत कथा वह ज्योति है जो जीवन को धर्म, प्रेम और सदाचार के उजाले में बदल देती है- आचार्य राहुल त्रिपाठी

निष्पक्ष जन अवलोकन। रामेश्वर विश्वकर्मा रुद्रपुरी। रुद्रपुर (देवरिया)। रुद्रपुर नगर गुरुवार की संध्या भक्ति और आध्यात्मिकता के सुरों से गुंजायमान हो उठा, जब गोला वार्ड स्थित कथा स्थल पर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच सप्तदिवसीय संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। महाआरती और पीठ पूजन के साथ प्रारंभ हुई कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।               कथा व्यास आचार्य पं. राहुल त्रिपाठी ने मंगलाचरण से प्रथम स्कंध का पाठ प्रारंभ किया। उन्होंने सूत जी महाराज और राजा परीक्षित के संवादों का भावपूर्ण वर्णन करते हुए कहा कि जब राजा परीक्षित को श्रापवश मृत्यु का आभास हुआ, तब उन्होंने अपने जीवन के अंतिम क्षणों को श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से अमरत्व का माध्यम बना दिया। आचार्य ने कहा, कि भागवत कथा केवल कथा नहीं, बल्कि आत्मा को ईश्वर से जोड़ने का सेतु है। यह जीवन जीने की कला सिखाती है और मनुष्य को भक्ति के परम आनंद की ओर ले जाती है। प्रवचन के दौरान श्रद्धालु भावविभोर होकर जय-जयकार करते रहे। भजन मंडली ने श्रीकृष्ण भक्ति से ओतप्रोत गीतों से वातावरण को और मधुर बना दिया। कथा के दौरान डॉक्टर राजेश सिंह, ओमप्रकाश गुप्ता, राणाप्रताप सिंह, सुरेन्द्र देव मिश्रा, प्रेम तिवारी, सभासद सत्येंद्र रावत, रामप्रवेश भारती, अरुण मद्धेशिया, रामप्रताप पाण्डेय, सभासद प्रतिनिधि रामप्रवेश भारती, विनय गुप्ता, मुकेश रूंगटा, शिवानन्द विश्वकर्मा, राजकुमार वर्मा, सत्यप्रकाश गुप्ता, जयराम पासवान, प्रेम निगम, सभासद सुशील निगम, मनीष गुप्ता सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आयोजक भाजपा क्षेत्रीय उपाध्यक्ष एवं चेयरमैन प्रतिनिधि छट्ठेलाल निगम तथा चेयरमैन सुधा निगम ने श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए बताया कि कथा प्रतिदिन सायं 6 बजे से रात 10 बजे तक चलेगी तथा 20 नवम्बर को पूर्णाहुति एवं महाप्रसाद का आयोजन होगा।