“हरियाली के हत्यारे बने रखवाले!” पर्यावरण के संरक्षक ही बने उसके दुश्मन
वन विभाग की लापरवाही से अमावा में पेड़ों पर चल रही कुल्हाड़ी

निष्पक्ष जन अवलोकन
धीरेन्द्र कुमार
रायबरेली। जिन हाथों में हरे-भरे जंगलों की रक्षा की जिम्मेदारी थी, वही हाथ अब पेड़ों की जड़ों तक पहुंच गए हैं। कानून की दुहाई देने वाले ही अब प्रकृति के भक्षक बन बैठे हैं। अमावा विकासखंड के कई ग्राम सभाओं में अवैध कटान का ऐसा जंगलराज चल रहा है कि फॉरेस्ट विभाग और पुलिस प्रशासन दोनों मौन साधे बैठे हैं।
सदर रेंजर के सामने हो रही अवैध कटाई पर विभाग नत-मस्तक नजर आ रहा है। ग्राम सभा संदिराम, संदीनागिन, मैनुपुर, धनकेसरा, सिधौना, दाउदनगर, डिघीया और हैबत मऊ दुसौती, हरियावा में ठेकेदारों ने हरे-भरे पेड़ों पर आरी चला दी।
कागज़ों में संरक्षण, ज़मीनी हकीकत में विनाश — यही है वन विभाग की नई कार्यशैली!
धड़ल्ले से जारी अवैध कटान, अधिकारियों की नींद हराम करने के बजाय उनके लिए मानो “हरे पेड़ों पर हरियाली का कारोबार” बन गया हो। विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में है — आखिर कब तक पर्यावरण के ये दुश्मन पेड़ों की जड़ों को काटते रहेंगे और प्रशासन आंख मूंदे बैठे रहेगा?