पत्रकारिता में शैक्षिक योग्यता का निर्धारण आवश्यक - जेसीआई
निष्पक्ष जन अवलोकन
प्रमोद सिन्हा
गाज़ीपुर। पत्रकारिता के क्षेत्र में बढ़ती चुनौतियों और गिरती विश्वसनीयता के बीच, सामाजिक सामंजस्य स्थापित करने के लिए पत्रकारों की शैक्षिक योग्यता का निर्धारण आवश्यक है। योग्यता और जानकारी के अभाव में पत्रकार कई बार ऐसी गलतियां कर जाते हैं जिससे पत्रकारों को अवहेलना का सामना करना पड़ता है। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया (जेसीआई) के बैनर तले आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनुराग सक्सेना ने सरकार से समाज एवं पत्रकार हित में पत्रकारों के लिए शैक्षिक योग्यता एवं मापदण्ड निर्धारित करने की मांग की। राष्ट्रीय सलाहकार डा. ए. के. राय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के हवाले से कहा कि पत्रकारिता केवल खबरें देने का माध्यम ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव है। पत्रकार जनता और सत्ता के बीच सेतु का कार्य करते हैंं। इसलिए इस क्षेत्र में योग्य एवं प्रशिक्षित व्यक्तियों का होना समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता नागरिकों को सशक्त करती है, उन्हें स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं से अवगत कराती है और सरकार व संस्थाओं की जवाबदेही सुनिश्चित करती है। इसके साथ ही आपदा और आपात स्थितियों में सही सूचना उपलब्ध कराना, अफवाहों और गलत खबरों का मुकाबला करना भी पत्रकारों की बड़ी जिम्मेदारी है। इसके अलावा पत्रकार समाज में व्याप्त कुरीतियों और भ्रष्टाचार को उजागर कर सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही इतिहास और घटनाओं का संकलन कर भविष्य के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं ताकि समाज पिछली गलतियों से सीख ले सके। गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज वर्तमान समय में जब फर्जी खबरों और गैर-जिम्मेदार पत्रकारिता का खतरा बढ़ रहा है, ऐसे में योग्य और प्रशिक्षित पत्रकारों की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। इसलिए सरकार को पत्रकारिता में शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। कहा गया कि उचित शैक्षणिक योग्यता और प्रशिक्षण से पत्रकारिता की साख और विश्वसनीयता मजबूत होगी तथा समाज अधिक जागरूक और सशक्त बनेगा।