अधिकारियों के बुद्धि शुद्धि के लिए विकास भवन के मंदिर में हुआ हवन

अधिकारियों के बुद्धि शुद्धि के लिए विकास भवन के मंदिर में हुआ हवन

अधिकारियों की बुद्धि शुद्धि के लिए विकास भवन के मंदिर में हुआ हवन

– गौशालाओं की बदहाली के खिलाफ आचार्यों ने किया अनोखा विरोध

निष्पक्ष जन अवलोकन 

दिव्यांश प्रताप सिंह 

फतेहपुर । जनपद की गौशालाओं में गौवंशों के साथ हो रही कथित क्रूरता, लगातार हो रही मौतों और दयनीय व्यवस्थाओं के विरोध में शनिवार को आचार्यों का आक्रोश धार्मिक स्वरूप में देखने को मिला। विकास भवन परिसर स्थित हनुमान मंदिर में जनपद के प्रतिष्ठित आचार्यों ने एकजुट होकर 108 हनुमान चालीसा का पाठ किया और इसके पश्चात “बुद्धि शुद्धि हवन” का आयोजन किया। आचार्यों का कहना था कि यह कार्यक्रम उन जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की चेतना जागृत करने के उद्देश्य से किया गया है, जिनकी उदासीनता के कारण गौवंशों की दुर्दशा थमने का नाम नहीं ले रही है। आचार्यों ने आरोप लगाया कि जनपद की अधिकांश गौशालाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है। गौवंशों के लिए न पर्याप्त चारा है, न समुचित चिकित्सा व्यवस्था और न ही निगरानी के इंतजाम। उन्होंने बताया कि कई मामलों में GPS युक्त फोटो और वीडियो बनाकर संबंधित अधिकारियों को सौंपे गए, सोशल मीडिया पर भी मामले उजागर हुए, लेकिन न तो किसी जिम्मेदार के खिलाफ कार्रवाई हुई और न ही व्यवस्थाओं में कोई ठोस सुधार किया गया। आचार्य प्रेम सागर मिश्र (सुमित) ने मंसूरपुर गौशाला का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां गौशाला के भीतर कुत्ते गौवंशों को नोचते पाए गए, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि रामपुर थरियांव गौशाला में 8 से 9 गौवंश मृत अवस्था में मिले, जबकि मौके पर पशु चिकित्सक तक मौजूद नहीं थे। मवई धाम गौशाला में दर्जनों गौवंशों की मौत, ट्रैक्टर से मृत गौवंशों को घसीटने और उन पर ट्रैक्टर चढ़ाने के वीडियो वायरल होने के बावजूद न एफआईआर दर्ज हुई और न ही जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की गई। आचार्यों का कहना है कि कार्रवाई करने के बजाय मामलों को दबाने की कोशिश की जा रही है। आचार्यों और समाजसेवियों ने मांग की कि सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे लगाकर उन्हें एक केंद्रीय सर्वर से जोड़ा जाए, ताकि नियमित मॉनिटरिंग हो सके। साथ ही मौसम के अनुसार चारा, पानी, छाया और चिकित्सा की व्यवस्था दुरुस्त की जाए। इस बुद्धि शुद्धि हवन में आचार्य प्रेम सागर मिश्र, आचार्य सत्यनारायण, आचार्य लवलेश, आचार्य पंकज तिवारी, आचार्य पंकज अवस्थी, आचार्य उमाकांत, आचार्य अनूप, आचार्य मनीष, आचार्य नरेश, आचार्य अतुल, आचार्य गौरव, आचार्य देवेंद्र, आचार्य शिवम, आचार्य आदर्श, आचार्य मुकुल, आचार्य विनीत, आचार्य विजय सहित अन्य आचार्य एवं जनपदवासी उपस्थित रहे। अंत में सभी ने हनुमान जी से प्रार्थना की कि जिम्मेदार अधिकारियों की “सोई हुई बुद्धि” जागे और गौवंशों को सुरक्षित व सम्मानजनक जीवन मिले