वन स्टॉप सेंटर में पॉक्सो एक्ट पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित

बीआरडी मेडिकल कॉलेज वन स्टॉप सेंटर में पॉक्सो एक्ट पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित। समाधान अभियान व इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड द्वारा चुप्पी तोड़-हल्ला बोल परियोजना के अंतर्गत बालिकाओं को सुरक्षा अधिकारों की जानकारी।

वन स्टॉप सेंटर में पॉक्सो एक्ट पर जागरूकता कार्यशाला आयोजित
चुप्पी तोड़-हल्ला बोल परियोजना के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला में शामिल बालिकाएँ एवं प्रशिक्षु डॉक्टर्स

निष्पक्ष जन अवलोकन

विभव पाठक

गोरखपुर, 21 नवंबर। समाधान अभियान और इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में संचालित ‘‘चुप्पी तोड़-हल्ला बोल’’ परियोजना के अंतर्गत शुक्रवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज स्थित वन स्टॉप सेंटर में पॉक्सो एक्ट 2012 तथा बाल यौन शोषण के विरुद्ध विधिक प्रावधानों पर जागरूकता कार्यशाला एवं हैप्पीनेस सेशन का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं एवं प्रशिक्षु डॉक्टर्स को बाल संरक्षण के कानूनी ढाँचे और सुरक्षा उपायों से अवगत कराना रहा।

कार्यक्रम का संचालन समाधान अभियान की निदेशक शीलम वाजपेयी ने किया। उन्होंने बालिकाओं तथा प्रशिक्षु चिकित्सकों को बाल यौन शोषण की रोकथाम, सुरक्षित एवं असुरक्षित स्पर्श की पहचान, अपराधी को पहचानने के व्यवहारिक संकेत, रिपोर्टिंग प्रक्रिया, और उपलब्ध सहायता प्रणालियों के बारे में सहज और वास्तविक उदाहरणों के साथ विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ‘‘पॉक्सो एक्ट बच्चों के लिए एक सशक्त कानूनी कवच है, इसलिए हर बच्चे और देखभाल करने वाले व्यक्ति को इसके बारे में जानकारी होना आवश्यक है।’’

उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि बाल यौन अपराध की घटना में बच्चों की बात को प्राथमिकता दी जाती है तथा त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए पॉक्सो एक्ट की अदालतें निर्धारित की गई हैं। बाल संरक्षण में पुलिस, चिकित्सक, काउंसलर, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और जिला प्रशासन की समन्वित भूमिका पर भी विशेष प्रकाश डाला गया। कार्यशाला में बालिकाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक और साहसी बनते हुए ‘‘चुप रहने’’ की बजाय ‘‘हल्ला बोल’’ कर मदद मांगने के लिए प्रेरित किया गया।

हैप्पीनेस सेशन के दौरान विभिन्न गतिविधियों एवं समूह खेलों के माध्यम से प्रतिभागियों को मानसिक रूप से सकारात्मक रहने, आत्मविश्वास बढ़ाने और अपनी भावनाओं को सुरक्षित वातावरण में व्यक्त करने का अभ्यास कराया गया। संचालक ने कहा कि बाल यौन हिंसा केवल शारीरिक ही नहीं, भावनात्मक रूप से भी बच्चों को प्रभावित करती है, इसलिए उनके मानसिक स्वास्थ्य का संरक्षण भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में वन स्टॉप सेंटर की संचालनकर्ता/इंचार्ज पूजा पाण्डेय, काउंसलर गायत्री मणि त्रिपाठी, स्टाफ नर्स पूनम सिंह, साधना, ज्योत्सना एवं अनीता सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं। इसके साथ ही बाल मित्र केंद्र के कॉर्डिनेटर सिद्धार्थ और वॉलंटियर्स रश्मि पाण्डेय, निशा सिंह ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया। सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को अत्यंत उपयोगी बताते हुए भविष्य में भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की अपेक्षा जताई।