दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन को “वाइस चांसलर ऑफ द ईयर” पुरस्कार से सम्मानित
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन को “वाइस चांसलर ऑफ द ईयर” अवॉर्ड मिला। यह सम्मान उन्हें रोजगारोन्मुख शिक्षा, कौशल विकास और उच्च शिक्षा सुधार में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया।
गोरखपुर,दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन को “वाइस चांसलर ऑफ द ईयर (Vice Chancellor of the Year)” पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें मेकिंग इंडिया एम्प्लॉयबल कॉन्फ्रेंस एंड अवॉर्ड्स 2025 के अंतर्गत मुंबई स्थित नोवोटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट होटल में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया।
यह सम्मान उन्हें रोजगारोन्मुख शिक्षा, कौशल विकास एवं उच्च शिक्षा सुधार के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट नेतृत्व, नवाचारपूर्ण दृष्टिकोण और उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया। प्रो. टंडन के दूरदर्शी मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान, नवाचार और उद्योग–अकादमिक सहयोग में नई ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं।
ज्यूरी और आयोजन समिति
पुरस्कार चयन प्रक्रिया की अध्यक्षता पद्म विभूषण डॉ. आर. ए. माशेलकर द्वारा की गई। ज्यूरी पैनल में कई राष्ट्रीय स्तर के शिक्षाविद् और उद्योग विशेषज्ञ शामिल थे, जिनमें —
श्रीमती रोमा बलवानी (इंडिपेंडेंट डायरेक्टर, गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड एवं सीईओ, इंडियन डेफ क्रिकेट एसोसिएशन),
सिद्धार्थ पाई (संस्थापक, सियाना कैपिटल),
प्रो. टी. एन. सिंह (निदेशक, आईआईटी पटना)
और चेनराज रॉयचंद (चांसलर, जैन डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी एवं चेयरमैन, जैन ग्रुप) शामिल रहे।
कार्यक्रम में पद्म विभूषण डॉ. आर. ए. माशेलकर, पद्मश्री मोहनदास पाई (चेयरमैन, एरिन कैपिटल), समीर सोमैया (चांसलर, सोमैया विद्याविहार विश्वविद्यालय), मनीष सभरवाल (वाइस चेयरमैन, टीमलीज़ सर्विसेज लिमिटेड) सहित यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष और कई आईआईटी निदेशक भी उपस्थित थे।
शिक्षा में नवाचार और रोजगारोन्मुखता का नेतृत्व
मेकिंग इंडिया एम्प्लॉयबल मंच, जो कि इंडिया एजुकेशन फोरम एवं इंडिया एम्प्लॉयर फोरम द्वारा टीमलीज़ एडटेक लिमिटेड के सहयोग से प्रस्तुत किया गया, का उद्देश्य भारत में शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में प्रभावी परिवर्तन लाने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित करना है।
अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए प्रो. पूनम टंडन ने कहा —
“यह सम्मान दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संपूर्ण परिवार की सामूहिक भावना, परिश्रम और नवाचार की पहचान है। यह हमें भविष्य के लिए तैयार, कुशल और सामाजिक रूप से जिम्मेदार विद्यार्थियों को विकसित करने के अपने मिशन को और सशक्त करने की प्रेरणा देता है।”
यह उपलब्धि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है, जो प्रो. टंडन के गतिशील नेतृत्व में शिक्षा, अनुसंधान और रोजगारोन्मुखता के क्षेत्र में उत्कृष्टता का केंद्र बनकर उभर रहा है।
निष्पक्ष जन अवलोकन
विभव पाठक
गोरखपुर