सीआरसी: दिव्यांगजनों ने गाया वंदे मातरम्

सीआरसी गोरखपुर ने ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने पर दिव्यांगजनों के साथ देशभक्ति कार्यक्रम आयोजित किया। संकेत भाषा में प्रस्तुति के साथ राष्ट्रप्रेम और एकता का संदेश दिया गया।

सीआरसी: दिव्यांगजनों ने गाया वंदे मातरम्
गोरखपुर के अशफाक़ उल्लाह ख़ाँ प्राणी उद्यान में ‘वंदे मातरम्’ गीत गाते हुए दिव्यांगजन और उनके अभिभावक

गोरखपुर। राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में शनिवार को सेंट्रल रीजनल सेंटर (सीआरसी) गोरखपुर द्वारा दो स्थलों पर देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इन आयोजनों में दिव्यांगजनों, उनके अभिभावकों, प्रशिक्षुओं, अधिकारियों और आम नागरिकों ने एक साथ स्वर मिलाकर “वंदे मातरम्” गाकर देशभक्ति और एकता का संदेश दिया।

पहला कार्यक्रम अशफाक़ उल्लाह ख़ाँ प्राणी उद्यान, तारामंडल गोरखपुर में आयोजित हुआ। इस अवसर पर सीआरसी गोरखपुर के सीडीईआईसी के दिव्यांग बच्चों और उनके अभिभावकों ने प्राणी उद्यान के अधिकारियों, कर्मचारियों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों के साथ मिलकर “वंदे मातरम्” का सामूहिक गायन किया।

कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों के रूप में डॉ. योगेश प्रताप सिंह (उपनिदेशक, अशफाक़ उल्लाह ख़ाँ प्राणी उद्यान), डॉ. आर.के. सिंह (मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, प्राणी उद्यान), गौरव वर्मा (वन अधिकारी, गोरखपुर), नीरज सिंह (मुख्य वन्यजीव संरक्षक) और गुरु कृपा सेवा संस्थान के महासचिव बृजेश राम त्रिपाठी उपस्थित रहे।

दूसरा कार्यक्रम सीआरसी गोरखपुर परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें संस्था के समस्त अधिकारी, कर्मचारी, प्रशिक्षणरत विद्यार्थी और दिव्यांगजन शामिल हुए। सभी प्रतिभागियों ने जोश और उल्लास के साथ ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया। कार्यक्रम का उद्देश्य गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत करना तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति कृतज्ञता अर्पित करना था।

विशेष रूप से इस पूरे आयोजन को संकेत भाषा (Sign Language) में भी प्रस्तुत किया गया ताकि दिव्यांग बच्चों और प्रतिभागियों की पूर्ण सहभागिता सुनिश्चित हो सके।

इस अवसर पर सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा—

 “आज पूरे देश में ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उसी क्रम में सीआरसी गोरखपुर ने यह आयोजन किया है। इसमें दिव्यांगजन और आमजन दोनों की भागीदारी यह संदेश देती है कि समावेशी समाज का निर्माण ही सच्चे राष्ट्रप्रेम की पहचान है।”

उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल देशभक्ति की भावना को सशक्त करते हैं बल्कि समाज में समानता और संवेदना के मूल्यों को भी मजबूत करते हैं।