ग्राम पंचायत बिशनपुर विश्राम, विकासखंड पचपेड़वा, जनपद बलरामपुर

निष्पक्ष जन अवलोकन। ग्राम पंचायत बिशनपुर विश्राम में कोटेदार इरफान की मनमानी और भ्रष्टाचार ने गरीबों के पेट तक पर लात मार दी है। सूत्रों के अनुसार, इरफान कोटेदार गरीबों के आधार कार्ड पहले से ले लेते हैं, और जब मशीन खुलती है, तो लाइन लगवाकर बायोमेट्रिक अंगूठा लगवा लेते हैं, लेकिन राशन वितरण 10 से 15 दिन बाद करते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार द्वारा अधूरा राशन दिया जाता है। अंत्योदय कार्ड धारकों को जहाँ सरकार की तरफ से 35 किलो अनाज मिलना चाहिए, वहां सिर्फ 20 किलो ही दिया जाता है। बाकी अनाज का कोई हिसाब नहीं मिलता। इतना ही नहीं, सरकार द्वारा हर 3 महीने पर अंत्योदय कार्ड धारकों को 3 किलो शक्कर ₹18 प्रति किलो के हिसाब से दी जाती है। लेकिन इरफान कोटेदार केवल 1 किलो शक्कर देता है और ₹50 वसूलता है, जबकि बाकी 2 किलो शक्कर कथित रूप से नेपाल भेज दी जाती है — यह जानकारी सूत्रों से मिली है। जब संवाददाता ने इस मामले पर इरफान कोटेदार से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने बेहद गैर-जिम्मेदाराना जवाब दिया, अगर गरीबों को इतनी भूख लगती है तो खुद लाकर राशन और शक्कर घर-घर बांट दो। इस अमानवीय बयान ने ग्रामीणों के दिलों में आक्रोश जगा दिया है। गाँव के कई गरीब परिवार दिनभर मजदूरी करते हैं, और रात में भूखे पेट सोने को मजबूर हैं। पेट की आग दबाकर सो जाने वाले इन गरीबों के चेहरों पर भूख और लाचारी साफ झलकती है। एक वृद्ध ग्रामीण ने कहा । हमारे बच्चे भूखे सोते हैं, सरकार तो देती है, पर कोटेदार डकार जाता है। गरीबों के हिस्से का अन्न अगर इसी तरह कालाबाजारी की भेंट चढ़ता रहा, तो न जाने कितने पेट भूख से तड़पते रह जाएंगे। प्रशासन से ग्रामीणों ने माँग की है कि इस मामले की तत्काल जांच कर इरफान कोटेदार पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी गरीबों के अधिकारों से खिलवाड़ करने की हिम्मत न कर सके।