ग्राम पंचायत खाखरा में मनरेगा घोटाले का बड़ा खुलासा!
निष्पक्ष जन अवलोकन। संवाददाता रोबिना खातून विकासखंड गैसड़ी( बलरामपुर) गरीब मजदूरों के हक पर सीधा डाका, सरकारी धन की खुली लूट—मीडिया की टीम की पड़ताल में सामने आया चौंकाने वाला सच। सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायत खाखरा में मनरेगा कार्यों में तीन मास्टर रोलों पर 28 मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी प्रतिदिन दिखाई जा रही है। ऑनलाइन रिकॉर्ड में काम पूरी रफ़्तार पर दिखाया जा रहा है, लेकिन वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है। मीडिया की टीम जब मौके पर पहुंची तो कार्यस्थल पर एक भी मजदूर मौजूद नहीं था। जहां कागज़ों पर बड़ी-बड़ी एंट्री की गई थीं, वहीं जमीन पर खामोशी पसरी हुई मिली। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि महीनों से यहां कोई वास्तविक काम नहीं हुआ, लेकिन हाजिरी रोज भर दी जाती है। संवाददाता द्वारा संबंधित अधिकारी से दूरभाष पर वीडियो सहित शिकायत की गई। आरोपों की गंभीरता समझते हुए अधिकारियों ने कहा—“मामले की जांच कर कार्रवाई करवाई जाएगी।” लेकिन सवाल यह है कि आखिर कब तक गरीब मजदूरों की पसीने की कमाई डकारते रहेंगे भ्रष्टाचार के गिद्ध? गांव के मजदूरों का कहना है कि उन्हें महीनों से काम नहीं मिला, लेकिन कागज़ों पर उनकी मेहनत चट कर ली जाती है। यह सिर्फ फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि गरीबी पर कुठाराघात है। मनरेगा जिसे गरीबों की रीढ़ कहा जाता है, वहीं अब भ्रष्टाचारियों का खिलौना बनता जा रहा है। ग्राम पंचायत खाखरा की यह परत-दर-परत कहानी न केवल चौंकाती है बल्कि तड़पाती भी है। यह सिर्फ खबर नहीं, गरीबों की तड़पती चीख है, मजदूरों का हक छीनने का नंगा नाच है। अधिकारियों की कार्रवाई कब होगी—यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल जो तस्वीर सामने आई है, वह मनरेगा घोटाले का एक और दिलचस्प लेकिन दर्दनाक अध्याय है।