भाभर रेंज में अवैध कटान का खेल तेज, मजदूरों का हक छीना जा रहा — संदिग्धों के हौसले बुलंद

भाभर रेंज में अवैध कटान का खेल तेज, मजदूरों का हक छीना जा रहा — संदिग्धों के हौसले बुलंद

निष्पक्ष जन अवलोकन। संवाददाता रवीना खातून पचपेडवा विकासखंड (बलरामपुर) भाभर रेंज के बिशनपुर विश्राम व डुमरी के उत्तर नल के पास जंगलों में इन दिनों अवैध कटान और बालू खनन का खेल खुलेआम जारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नर्सरी में काम करने वाले ही कुछ लोग जंगल से लकड़ियां काटकर बाहर निकालते हैं और इसी गिरोह के माध्यम से अवैध बालू खनन भी संचालित होता है। आश्चर्य की बात यह है कि जो मजदूर नर्सरी में काम करते हैं, वे अपनी मजदूरी बचाने और अतिरिक्त कमाई के लालच में अवैध कार्यों में शामिल हो जाते हैं। इस अवैध धंधे का सबसे बड़ा नुकसान असली मजदूरों को झेलना पड़ रहा है। मेहनत करने वाले मजदूरों को काम नहीं मिलता, उनका हक छीन लिया जाता है और ऊपर से फर्जी खातों में मजदूरी का पैसा निकालकर बंदरबांट कर दिया जाता है। फर्जी अकाउंट खोलकर सरकारी धन की लूट कराई जा रही है, जबकि असल हकदार खाली हाथ रह जाते हैं। इधर बंजरिया रेंज के जंगलों में भी शीशम के पेड़ों का अवैध कटान लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय सूत्र बताते हैं कि इस पूरे खेल में एक खास व्यक्ति का नाम तेजी से उभरकर सामने आ रहा है — जाहिर फॉरेस्टर। बताया जाता है कि इन्हीं के माध्यम से पूरा नेटवर्क संचालित होता है और इन्हीं के इशारे पर जंगलों को बर्बाद करने की साजिशें रची जाती हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि संवाददाताओं को भी धमकाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। मोबाइल नंबर 955922986… से लगातार दबाव बनाया जा रहा है कि खबरें प्रकाशित न की जाएँ। अब देखने वाली बात यह है कि क्या सच दिखाने वाले संवाददाता अपनी कलम बंद कर देंगे या धमकियों के आगे झुकने के बजाय जनता के हक और जंगलों की रक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद रखेंगे। जंगलों का विनाश, मजदूरों के अधिकारों की लूट और भ्रष्ट नेटवर्क का गठजोड़ — यह सिलसिला कब रुकेगा? प्रशासन कब कार्रवाई करेगा? फिलहाल तो मजदूरों का हक भी संकट में है और जंगलों की साँसें भी।