गैसड़ी ब्लॉक में मनरेगा में फर्जीवाड़े का खेल जारी, मजदूरों के हक पर डाका

गैसड़ी ब्लॉक में मनरेगा में फर्जीवाड़े का खेल जारी, मजदूरों के हक पर डाका

निष्पक्ष जन अवलोकन। बलरामपुर। विकासखंड गैसड़ी के कई ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां पुरानी तस्वीरें अपलोड कर मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी दिखाई जा रही है, जबकि मौके पर मजदूर नदारद हैं। सरकारी रिकॉर्ड में काम पूरा दिखाया जा रहा है, लेकिन हकीकत में जमीन पर कोई कार्य होता ही नहीं। ग्राम पंचायत नए नगर में दो मास्टर रोल के तहत 20 मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की गई है। वहीं ग्राम पंचायत वीरपुर कला में चार मास्टर रोल के माध्यम से 40 मजदूरों की अटेंडेंस ऑनलाइन दिखाई गई। ग्राम पंचायत बिजूलिया में पांच मास्टर रोल पर 45 मजदूरों की उपस्थिति दर्ज है, जबकि ग्राम पंचायत नचौरा में चार मास्टर रोल के तहत 38 मजदूरों को काम पर दिखाया गया है। लेकिन जब टीम ने मौके पर जाकर स्थिति देखी तो सच्चाई बिल्कुल उलट मिली। जिन जगहों पर काम दिखाया जा रहा है, वहां न मजदूर मिले, न कोई निर्माण कार्य। कई साइटों पर तो सिर्फ पुरानी मिट्टी या अधूरे गड्ढे नजर आए। ग्रामीणों का कहना है कि “यह खेल नया नहीं है, हर बार मजदूरों की हाजिरी कागज पर लगती है, लेकिन पेट खाली रहता है।” गांवों में न सामुदायिक शौचालय संचालित हैं, न पंचायत भवनों की कोई गतिविधि। गरीब और जरूरतमंदों को काम देने के बजाय अधिकारी, सचिव और रोजगार सेवक मिलकर योजनाओं का धन डकार रहे हैं। गांव के मजदूरों का कहना है कि “हम काम मांगते हैं, लेकिन हमें सिर्फ वादे और फोटो दिखाए जाते हैं।” मनरेगा, जो गरीबों के जीवन में रोज़गार की रोशनी लेकर आई थी, अब भ्रष्टाचार की अंधेरी गलियों में भटकती नज़र आ रही है। गैसड़ी ब्लॉक की ये चार ग्राम पंचायतें—नए नगर, वीरपुर कला, बिजूलिया और नचौरा—इस फर्जीवाड़े की जीती-जागती मिसाल बन चुकी हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि जिन हाथों को मजदूरी का हक मिलना चाहिए, उन्हें फिर से भरोसा और सम्मान मिल सके। अगर ऐसे भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगी तो मनरेगा का असली मकसद — “गरीब को काम, भूखे को रोटी” — सिर्फ एक सपना बनकर रह जाएगा।