मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा: मजदूरों के हक पर डाका, सरकारी धन की बंदरबांट

मनरेगा में बड़ा फर्जीवाड़ा: मजदूरों के हक पर डाका, सरकारी धन की बंदरबांट

निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड पचपेड़वा (बलरामपुर)के ग्राम पंचायत मिश्रौलिया में मनरेगा योजनाओं के तहत बड़ा खेल सामने आ रहा है। स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार पंचायत में मास्टर रोल में दर्ज 60 मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी भारी अनियमितताओं से भरी है। मजदूरों के अनुसार सुबह-सुबह पुराने फोटो क्लिक कर लिए जाते हैं, फिर उन्हीं फोटो से फोटो लेकर ऑनलाइन अटेंडेंस लगा दी जाती है। मौके पर वास्तविक मजदूर ना होने के बावजूद उपस्थिति दर्ज की जाती है, जिससे सरकारी धन की भारी बंदरबांट की जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान, सचिव और वीडियो मोहित दुबे की मिलीभगत से यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है। मजदूरों को उनके वास्तविक काम का भुगतान नहीं मिलता, जबकि कागज़ों में पूरा काम और पूरी मजदूरी दिखा दी जाती है। यह खेल गरीबों की पेट पर लात मारने जैसा है — उनके हक, उनकी मेहनत और उनके श्रम का खुलेआम शोषण। इस मामले में जब संवाददाता द्वारा वीडियो मोहित दुबे से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उनका फोन घंटी बजते ही कट गया, जिससे संदेह और गहरा जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि गरीब मजदूर बेसहारा हैं, और यही वजह है कि उनकी आवाज़ दबा दी जाती है। यह बड़ा फर्जीवाड़ा न केवल नियमों की धज्जियाँ उड़ाता है बल्कि उन मजदूरों की उम्मीदों पर भी चोट करता है जिनकी रोज़ी-रोटी इसी योजना पर निर्भर है। अब देखना यह है कि प्रशासन कब तक चुप बैठा रहेगा और क्या गरीबों को उनका हक दिलाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई होगी।