परशदेपुर में बिना परमिट के लकड़ी का कारोबार, वन विभाग मौन

परशदेपुर में बिना परमिट के लकड़ी का कारोबार, वन विभाग मौन

निष्पक्ष जन अवलोकन

धीरेन्द्र कुमार

रायबरेली। परशदेपुर चौराहे पर खुलेआम लकड़ी आढ़त और आरा मशीनों में बिना परमिट वाली लकड़ियों की खरीद-बिक्री जारी है। प्रतिदिन बिना किसी अनुमति के ट्रकों व ट्रैक्टरों से लकड़ियां उतरती और बाहर भेजी जा रही हैं। हैरानी की बात यह है कि सलोन रेंजर न तो जांच कर रहे हैं और न ही कोई कार्रवाई।

आढ़तों में नीम, महुआ, आम और शीशम जैसी प्रतिबंधित प्रजातियों की लकड़ियां बड़ी मात्रा में पड़ी देखी जा सकती हैं। इससे स्पष्ट है कि क्षेत्र में अवैध लकड़ी व्यापार बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग की लापरवाही के चलते यह कारोबार वर्षों से चल रहा है। वहीं जब इस मामले में सलोन रेंजर से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा, “मैंने दो-तीन बार कार्रवाई की है, लेकिन मौके पर केवल छूट प्रजाति की लकड़ियां ही मिलीं।”

अब सवाल उठता है कि क्या जांच के पहले ही व्यापारियों को सूचना मिल जाती है, या फिर प्रतिबंधित लकड़ी विभागीय टीम को दिखाई नहीं देती?

फिलहाल, इस पूरे मामले ने सलोन रेंजर की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

क्या वन विभाग इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाएगा — यह आने वाला समय बताएगा।