ग्राम पंचायत सोनपुर में मनरेगा कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा, गरीबों के हक पर सीधा डाका

ग्राम पंचायत सोनपुर में मनरेगा कार्यों में बड़ा फर्जीवाड़ा, गरीबों के हक पर सीधा डाका

निष्पक्ष जन अवलोकन। विकासखंड गैसड़ी (बलरामपुर) ग्राम पंचायत सोनपुर में मनरेगा की योजनाओं पर खुला खेल-तमाशा जारी है। गरीब मजदूरों के हक की मजदूरी को कागजों पर हजम करने का खेल बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 62 मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति बनाई जा रही है और यह उपस्थिति 7 मास्टर रोल पर दर्ज हो रही है, जबकि धरातल पर वास्तविकता इससे बिल्कुल उलट है। जब मीडिया की टीम गांव के अलग-अलग कार्यस्थलों – चकरोड, खेत किनारे, तालाब निर्माण स्थल और मिट्टी खुदाई वाले क्षेत्रों – का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंची, तो वहां एक भी मजदूर मौजूद नहीं मिला। न कहीं मिट्टी की खुदाई का निशान, न सड़क निर्माण की गतिविधि, न तालाब निर्माण की प्रक्रिया। इसके बावजूद कागजों में करोड़ों की योजनाएं पूरी बताई जा रही हैं। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह सब प्रधान, रोजगार सेवक और संबंधित विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। कागजों पर मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाकर भुगतान निकाल लिया जाता है, जबकि असलियत में मजदूरों को एक दिन की भी मजदूरी नसीब नहीं होती। यह सीधा-सीधा गरीबों के पेट पर लात मारने जैसा है। जब संवाददाता ने संबंधित अधिकारियों से दूरभाष पर संपर्क करने की कोशिश की, तो किसी से भी संपर्क नहीं हो सका। अधिकारियों की यह चुप्पी इस महाघोटाले पर गंभीर सवाल खड़े करती है। मनरेगा गरीब और ग्रामीण मजदूरों के जीवन में रोशनी लाने की एक बड़ी योजना है, लेकिन ग्राम पंचायत सोनपुर में यह योजना लूट-खसोट का जरिया बनती जा रही है। कागजों में योजनाएं चमक रही हैं, लेकिन जमीन पर बचा है सिर्फ खेतों का नुकसान, टूटी उम्मीदें और मजदूरों की दर्दभरी आवाज।