मेहनत से मैदान तक, मजदूरी से आईपीएल तक: गोरखपुर के विशाल निषाद ने रचा इतिहास

गोरखपुर के 20 वर्षीय क्रिकेटर विशाल निषाद ने मजदूरी से आईपीएल तक का सफर तय किया। गुरु कल्याण सिंह के मार्गदर्शन में पंजाब किंग्स ने 30 लाख में किया चयन।

मेहनत से मैदान तक, मजदूरी से आईपीएल तक: गोरखपुर के विशाल निषाद ने रचा इतिहास
संस्कृति क्रिकेट अकादमी में कोच कल्याण सिंह के साथ विशाल निषाद — गुरु-शिष्य परंपरा की सफलता की जीवंत तस्वीर।

विभव पाठक

निष्पक्ष जन अवलोकन

गोरखपुर।

कहते हैं सपनों की कोई जाति, कोई सीमा और कोई हालात नहीं होते—बस जरूरत होती है कड़ी मेहनत, सही मार्गदर्शन और अटूट विश्वास की। गोरखपुर के 20 वर्षीय क्रिकेटर विशाल निषाद ने इस कहावत को सच कर दिखाया है। जीवन की शुरुआत मजदूरी और संघर्ष से करने वाले विशाल ने आज देश-दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में जगह बनाकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गोरखपुर और पूर्वांचल का नाम रोशन किया है।

आर्थिक तंगी और सीमित संसाधनों के बीच पले-बढ़े विशाल निषाद का क्रिकेट के प्रति जुनून बचपन से ही स्पष्ट था। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अपने सपने को मरने नहीं दिया। गोरखपुर स्थित संस्कृति क्रिकेट अकादमी में उन्होंने क्रिकेट की विधिवत ट्रेनिंग ली, जहाँ उन्हें अनुभवी और समर्पित कोच कल्याण सिंह का मार्गदर्शन मिला। कोच कल्याण सिंह ने विशाल की प्रतिभा को पहचाना, उसे निखारा और अनुशासन व तकनीक के साथ आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया।

विशाल निषाद ने अपनी मेहनत का असली फल तब पाया जब उन्होंने उत्तर प्रदेश टी20 लीग 2024 और 2025 में गोरखपुर लायंस की ओर से शानदार प्रदर्शन किया। लगातार प्रभावशाली गेंदबाजी और मैदान पर जुझारूपन ने चयनकर्ताओं और क्रिकेट विशेषज्ञों का ध्यान अपनी ओर खींचा। बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अपनी अलग पहचान बनाना आसान नहीं होता, लेकिन विशाल ने अपने प्रदर्शन से यह कर दिखाया।

इसी प्रदर्शन का नतीजा रहा कि दुबई में आयोजित आईपीएल ऑक्शन में जब विशाल निषाद का नाम पुकारा गया, तो पंजाब किंग्स ने उन्हें 30 लाख रुपये के बेस प्राइस पर अपनी टीम में शामिल कर लिया। यह पल विशाल के लिए जीवन बदलने वाला तो है ही, साथ ही यह उन हजारों ग्रामीण युवाओं के लिए भी प्रेरणा है, जो अभावों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।

विशाल की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पीछे उनके गुरु कल्याण सिंह की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। एक सच्चे द्रोणाचार्य की तरह उन्होंने न सिर्फ तकनीकी रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी विशाल को मजबूत बनाया। आज विशाल की सफलता में गुरु-शिष्य परंपरा की जीवंत मिसाल देखने को मिलती है।

गोरखपुर के खेल जगत में खुशी की लहर है। स्थानीय खिलाड़ियों, कोचों और खेल प्रेमियों ने विशाल निषाद की सफलता पर हर्ष जताते हुए कोच कल्याण सिंह के योगदान को नमन किया है। सभी को उम्मीद है कि भविष्य में भी गोरखपुर की धरती से ऐसे ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी निकलते रहेंगे।

विशाल निषाद को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।

उनकी यह सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए यह संदेश है कि हालात चाहे जैसे हों, मेहनत और सही मार्गदर्शन से हर सपना साकार किया जा सकता है।