शिव तत्व से जुड़ना आज की आवश्यकता : अर्जुनानंद

शिव तत्व से जुड़ना आज की आवश्यकता : अर्जुनानंद

निष्पक्ष जन अवलोकन। रामेश्वर विश्वकर्मा रुद्रपुरी।

 रुद्रपुर, देवरिया। दिव्य ज्योति जागृती संस्थान के तत्वावधान में डी.एन. इंटर कॉलेज के प्रांगण में 22 से 26 दिसंबर तक प्रतिदिन सायं 4 बजे से 8 बजे तक आयोजित पांच दिवसीय श्री हरि कथा भक्ति और श्रद्धा के वातावरण में चल रही है। कथा में दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी अर्जुनानंद जी ने भगवान शिव की महिमा और शिव तत्व पर प्रकाश डाला।

 कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार व भजन-कीर्तन से हुआ। स्वामी अर्जुनानंद जी ने कहा कि भगवान शिव देश-काल की सीमाओं से परे हैं और विश्व के कण-कण में व्याप्त हैं। भारत सहित विश्व के विभिन्न देशों में प्राचीन शिवलिंगों के प्रमाण शिव की वैश्विक महिमा को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि अनेक आक्रमणों और सामाजिक परिवर्तनों के बाद भी भारतीय संस्कृति का जीवंत रहना शिव तत्व का परिणाम है, किंतु आधुनिकता की अंधी दौड़ में समाज इससे दूर होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि ब्रह्मज्ञान के माध्यम से ही शिव तत्व का बोध होता है और सत्यं शिवं सुन्दरम् के मार्ग पर चलकर मानव जीवन कल्याणकारी बनता है। पूर्ण सद्गुरु के माध्यम से ही शिव के तृतीय नेत्र और दिव्य चक्षु का रहस्य प्रकट होता है। मंगल आरती के साथ प्रथम दिवस के कथा का समापन किया गया। इस दौरान राकेश जायसवाल, श्यामजी जायसवाल, मोती चन्द निगम, हेमन्त जायसवाल, आलोक कुमार, रामलखन यादव, देवेंद्र प्रजापति, विजय यादव सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।