अवैध प्लाटिंग संचालकों को नोटिस भेज सो गया विभाग

अवैध प्लाटिंग संचालकों को नोटिस भेज सो गया विभाग

अवैध प्लाटिंग संचालकों को नोटिस भेज सो गया विभाग

– राजस्व को भारी नुकसान, धड़ल्ले से चल रही कृषि भूमि पर प्लाटिंग

निष्पक्ष जन अवलोकन 

 दिव्यांश प्रताप सिंह 

फतेहपुर । जनपद में अवैध प्लाटिंग का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। बिना सरकार को कोई राजस्व दिए कहीं भी भूमाफिया खेतों को प्लाट बनाकर बेच रहे हैं।मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के दावों की हकीकत मलवां ब्लॉक क्षेत्र में उजागर हो गई है। कृषक भूमि पर धड़ल्ले से हो रही अवैध प्लाटिंग के मामलों में प्रशासन की कार्रवाई महज नोटिस तक सीमित नजर आ रही है, जबकि जमीन पर हालात जस के तस बने हुए हैं। शिकायतकर्ता कंचन कुमार की शिकायत पर जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ज्ञान धन सिंह द्वारा दिए गए जवाब में स्वयं स्वीकार किया गया है कि कई गांवों में कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग की जा रही है। ग्राम सौरा, कोटियागुनीर, ब्लॉक मलवां के गाटा संख्या 347 में गंगा रतन पुत्र शिवसागर द्वारा की गई प्लाटिंग पर नोटिस जारी होने की पुष्टि की गई है, लेकिन इसके बाद कोई ठोस दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई। इसी तरह ग्राम इटरौरा पिलखिनी, गाटा संख्या 620, कुंवरपुर रोड पर अपूर्व कुमार पुत्र स्व. दिनेश कुमार तथा ग्राम मलवां, पोस्ट कुंवरपुर रोड पर रामप्रकाश मिश्रा उर्फ बन्तु पुत्र रामकिशोर द्वारा की जा रही प्लाटिंग पर भी नोटिस जारी किए गए, मगर मौके पर न तो प्लाटिंग रुकी और न ही खरीद-फरोख्त पर प्रभावी रोक लगाई गई। नियमों के अनुसार कृषि भूमि को आवासीय उपयोग में लाने से पहले डायवर्जन, कॉलोनाइजर एक्ट के तहत पंजीकरण, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की अनुमति और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था अनिवार्य है। इसके बावजूद खुलेआम नियमों की अनदेखी जारी है।इससे न केवल उपजाऊ खेत खत्म हो रहे हैं, बल्कि सरकार को स्टांप, रजिस्ट्रेशन और डायवर्जन शुल्क के रूप में करोड़ों के राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। सवाल यह है कि जब प्लाटिंग हैं तो कार्रवाई नोटिस से आगे क्यों नहीं बढ़ रही है ?