मनरेगा में महाघोटाला! गैसड़ी विकासखंड में मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी, मैदान में सुनसान—अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन पर डाका

मनरेगा में महाघोटाला! गैसड़ी विकासखंड में मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी, मैदान में सुनसान—अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी धन पर डाका

निष्पक्ष जन अवलोकन। संवाददाता रुबीना खातून। गैसड़ी विकासखंड में मनरेगा कार्यों में व्यापक फर्जीवाड़ा सामने आया है। निष्पक्ष जनअवलोकन की टीम ने कई ग्राम पंचायतों में जांच के दौरान पाया कि लाखों रुपये की मनरेगा मजदूरी ऑनलाइन हाजिरी के माध्यम से निकाल ली जाती है, जबकि कार्यस्थल पर एक भी मजदूर मौजूद नहीं रहता। ग्राम पंचायत भगवानपुर में 6 मास्टर रोल पर 53 मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दिखाई जाती है, लेकिन कार्यस्थल पर पूरी तरह सन्नाटा रहता है। स्थानीय सूत्रों ने खुलासा किया कि फोटो से फोटो लेकर हाजिरी लगाई जा रही है और सरकारी धन की खुली लूट चल रही है। ग्राम पंचायत सोनपुर में भी ऐसा ही घोटाला सामने आया। यहां 7 मास्टर रोल पर 62 मजदूरों की अटेंडेंस दिखाई जा रही है, जबकि ग्रामीणों के अनुसार काम करने वाला एक भी व्यक्ति मैदान में मौजूद नहीं होता। अधिकारियों और गांव स्तर के सिस्टम की मिलीभगत से फर्जी कार्यों की खानापूर्ति की जा रही है। ग्राम पंचायत चौकिया में भी मनरेगा कार्यों का यही हाल है। बिना किसी वास्तविक कार्य के फोटोशूट से ही काम पूरा मान लिया जाता है। वहीं ग्राम पंचायत मुतेहारा में हाल और भी चौंकाने वाला पाया गया—कहीं 24 मजदूरों की फोटो अपलोड, कहीं कोई गतिविधि ही नहीं। हर जगह फोटो से फोटो लेकर सरकारी धन की बंदरबांट जारी है। जब संवाददाता ने संबंधित अधिकारियों से दूरभाष पर बात करने की कोशिश की तो उनका कहना था कि “समय मिलेगा तब अधिकारी नियुक्त किया जाएगा और जांच की जाएगी।” इससे साफ हो जाता है कि अधिकारियों की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव ही नहीं है। निष्पक्ष जनलोकन ने 1 दिसंबर को इस पूरे मामले को प्रकाशित किया था, लेकिन इसके बावजूद संबंधित विभाग की कानों तक जूं तक नहीं रेंगी। ऐसे में यह स्पष्ट है कि गैसड़ी विकासखंड में मनरेगा योजनाओं को भ्रष्टाचार के रास्ते पर धकेला जा रहा है और गरीब मजदूरों के हक पर सीधा डाका डाला जा रहा है।