भू माफिया के खनकते सिक्कों के आगे घुटने टेकती तहसील प्रशासन।

निष्पक्ष जन अवलोकन विजय शुक्ला

भू माफिया के खनकते सिक्कों के आगे घुटने टेकती तहसील प्रशासन।

प्रयागराज: विकासखंड शंकरगढ़ के अंतर्गत इस समय भू माफियाओं का आतंक इतना बढ़ गया है कि वह लगातार किसानो की भूमि को औने पौने दाम पर खरीद कर मोटी रकम में बेचकर मालामाल हो रहे हैं । यहां तक की सरकारी भूमि हो या नाला बंजर सभी में यह गिद्ध नुमा नजर गड़ाकर मोटी रकम में बेचकर मालामाल हो रहे हैं वहीं एक मामला जोरवट ग्रामसभा के घाटा संख्या 113 /2 एवं 117 / 395 कास्तकार ब्रह्म नारायण का प्रकाश में आया । जानकारी के मुताबिक स्थानीय कास्तर अपनी भूमि पर वर्षों से काबिज होने के साथ-साथ कुछ भूमि बाग बगीचे के लिए छोड़ रखा था जिससे इस भूमि पर भूमाफिया की गिद्ध नुमा नजर पड़ जाने से वह कब्जा करने एवं लोगों को गुमराह कर औने पौने दाम पर बेचने की फिराक में लग गया । यहां तक की कुछ सरकारी भूमि एवं काश्तकार की भूमि को भी वह बेंच कर मालामाल हो रहा है इसकी जानकारी होने पर काश्तकार ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश, राजस्व परिषद लखनऊ एवं जिलाधिकारी प्रयागराज के साथ-साथ स्थानीय तहसील प्रशासन को भी कई बार लिखित शिकायती पत्र भी दिया। परंतु भू माफिया के खिलाफ कोई भी कार्यवाही न होने एवं जमीन की पैमाइश ना होने से तहसील प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल करने की बात कही इसके साथ ही व्यापार मंडल अध्यक्ष अरविंद केसरवानी ने कहा कि यदि व्यापारियों किसानों की भूमि को इसी प्रकार भू माफिया द्वारा भूमिहीन किया जाता रहेगा तो वह दिन दूर नहीं जब लोग या तो अपनी भूमि को छोड़कर पलायन कर जाएंगे या फिर एक विशाल जन आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे । व्यापार मंडल अध्यक्ष अरविंद केसरवानी ने कहा कि तहसील प्रशासन के सहयोग से ही भू माफिया चाहे किसान की भूमि हो या सरकारी सभी भूमि पर कब्जा करके प्लाटिंग करते हैं एवं मोटी रकम कमाकर मालामाल हो रहे हैं । जबकि ऐसे भूमाफियाओं का ना तो कोई रजिस्ट्रेशन होता है और ना ही प्लाटिंग करने के साथ-साथ यह सब बाग बगीचे सौंदर्यीकरण के लिए कोई भी भूमि छोड़ते हैं । इनके द्वारा ना तो सौंदयीकरण कराई जाती है ना नाली बाग बगीचे पानी लाइट किसी भी प्रकार की सुविधा दी जाती है एक तरह से देखा जाए तो यह लोगों को बेवकूफ बनाकर गुमराह करने के साथ-साथ प्लाट खरीदने वालों को चूना लगाने का कार्य करते हैं